सनातन धर्म में दीवाली का पर्व बेहद शुभ माना जाता है इस पर्व को ना सिर्फ हिंदु बल्कि कुछ मुस्लीम भी बेहद धुमधाम से मनाते हैं इस दिन चारो तरफ दिये की रोशनी से पुरा भारत जगमगा उठता है. दीवाली का क्रेज इतना तेज होता है कि लोग 4 दिन पहले से ही दीवाली की तैयारियों में जुट जाते हैं और घर की साफ सफाई करने लगते हैं. बता दें कि दीवाली एक ऐसा त्योहार है कि इस दिन लोग नये- नये कपड़े और पुजा करकर मिठाईयां खाते हें. तो आइए जानते हैं इसकी वजह के बारे में.
क्यों मनाई जाती है दीवाली ?
दीवाली (Diwali Significance) को रोशनी के पर्व के नाम से भी जाना जाता है. इस खास अवसर पर धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. दीवाली के त्योहार को भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है. प्रभु के आगमन पर अयोध्या नगरी को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया था और नगरवासियों ने दीपक जलाकर भव्य स्वागत किया था. इसी खुशी में हर साल कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या पर दीवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी. संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट के बाद कार्तिक माह की प्रतिपदा शुरू हो जाएगी. वहीं, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ संयोग दोपहर बाद से रात्रि तक है. अत: प्रकांड पंडितों एवं ज्योतिषियों का कहना है कि 31 अक्टूबर के दिन दीवाली मनाना शुभ होगा.
लक्ष्मी पूजा 2024 शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 49 मिनट से लेकर से 05 बजकर 41 मिनट तक.
विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से लेकर 02 बजकर 39 मिनट तक.
प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक.
लक्ष्मी पूजा का समय- शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट तक