पूरे उत्तरप्रदेश की जिस पर निगाहें थी अब उसके सभी पत्ते खुल गए हैं.. जी हाँ अयोध्या की हाई-प्रोफाइल विधानसभा सीट मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को उम्मीदवार बनाया है. बता दे अवधेश प्रसाद के सांसद निर्वाचित होने की वजह से अयोध्या की मिल्कीपुर सीट खाली हुई थी. मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 10 जनवरी को शुरू हो गई थी. नामांकन का आखिरी दिन 17 जनवरी है. खरमास की वजह से किसी भी दल के प्रत्याशी ने अभी नामांकन नहीं किया है. मकर संक्रांति के पर्व के साथ ही खरमास की समाप्ति हो गई है, लिहाजा 15 जनवरी से प्रत्याशी नामांकन कर सकते हैं.बता दे कि मिल्कीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतार रही है. कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है. वहीं पिछले उपचुनाव के नतीजों को देखते हुए बसपा ने भी इस बार प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है. लिहाजा अब इस सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच ही होगा.
दरअसल, अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आंकड़ों की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 58 हजार है। ऐसा माना जाता है कि इसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के वोटर हैं। यहां अनुसूचित जाति वर्ग में पासी समाज और ओबीसी में यादव सबसे प्रभावी हैं। ओबीसी और दलित वोटबैंक के साथ ही मुस्लिम भी प्रभावी भूमिका में हैं। समाजवादी पार्टी को फौरी तौर पर इसी पीडीए समीकरण का लाभ मिलता है। और इस बार के चुनाव में भी मेन फोकस इन्हीं समुदाय पर रहेगा। यहां सवा लाख दलित हैं, जिनमें पासी बिरादरी के वोट ही करीब 55 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादवों की तादाद है। इसके साथ ही मिल्कीपुर में सवर्ण बिरादरी में ब्राह्मण समाज के 60 हजार मतदाता हैं। क्षत्रियों और वैश्य समुदाय की तादाद क्रमश: 25 हजार और 20 हजार है। अन्य जातियों में कोरी 20 हजार, चौरसिया 18 हजार हैं। साथ ही पाल और मौर्य बिरादरी भी अहम हैं.. सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को इस सीट से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर रखा है। वहीं कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा है कि वह यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी प्रत्याशी का समर्थन करेंगे