उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 9 सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सियासत गरमा गई है. सभी सीटों पर अब चुनाव प्रचार भी थम गया है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कई मांग की है. पार्टी ने चुनाव आयोग से कहा कि वो ऐसी व्यवस्था स्थापित करें जिससे मतदान के दिन कोई पुलिसकर्मी किसी भी मतदाता की आईडी की जांच न करे.
चुनाव आयोग को लिखे पत्र में समाजवादी पार्टी ने कहा कि बूथ पर पोलिंग ऑफिसर के अलावा कोई भी मतदाता का पहचान पत्र कोई भी न चके करे. इसके साथ-साथ हैंडबुक फॉर रिटर्निंग ऑफिसर के पैराग्राफ का भी उल्लेख किया है. सपा ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कई पोलिंग बूथों पर मुस्लिम महिलाओं को डराने-धमकाने का काम किया गया.
किस सीट पर कितने वोट पड़ें उसकी प्रमाणित कॉपी की मांग
इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि 9 सीटों पर वोटिंग खत्म हो जाने के बाद एजेंट को कुल मतदाता के पड़े वोट की जानकारी की प्रमाणित कॉपी उपलब्ध कराई जाए. चुनाव आयोग को सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम पाल पाल की तरफ से यह पत्र लिखा गया है.
दरअसल, लोकसभा के चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने कई पोलिंग बूथों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. हालांकि, राजनीतिक पार्टियों की ओर से चुनाव आयोग में जितनी भी शिकायतें दी गई थी ईसी ने सभी का एक-एक कर जवाब दिया और निपटारा किया.
अब राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं तो समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर से कुछ पुराने मुद्दों को दोहराया है और पत्र लिखकर चुनाव आयोग से एक्शन की मांग की है. हालांकि, चुनाव आयोग पहले ही यह कह चुका है कि उसकी ओर से लेवल प्लेइंग फील्ड को बरकरार रखने के लिए जहां जरूरत पड़ती है स्वत: की कदम उठाया जाता है. चुनाव की तारीख घोषित करते समय ही देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कई चीजों को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी थी.
पहले 13 नवंबर को पड़ने थे वोट
यूपी में जिन 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उसमें फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीट शामिल है. पहले इन सीटों पर 13 अक्टूबर को चुनाव होने वाले थे, लेकिन त्योहार की वजह से चुनाव आयोग ने वोटिंग की तारीख आगे टाल दी थी. इनके नतीजे महाराष्ट्र-झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ 23 नवंबर को सामने आएंगे