उत्तर प्रदेश में बुलडोजर का तेल खत्म होने के बाद अब मंदिर का खुदाई का मुद्दा लगातार सियासी गलियारे में तुल पकड़ते जा रहा है योगी सरकार की राजनीति की गाड़ी बार बार धर्म और जाती पर आ कर रुक जा रही है आपको बता दे जिस तरह से मंदिर मस्जिद को लेकर उप के तमाम जगहों पर खुदाई चल रही है उसे लेकर सिर्फ राजनीतिक गलियारों में ही नहीं बल्कि मंदिर मस्जिद के इस मुद्दे से समाज एक नया विद्रोह जन्म ले रहा है आपको बता दे आए दिन इस मुद्दे पर तमाम विपक्षी पार्टी योगी सरकार से जवाब मांग रही है तो हाल में ही अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पांच कालीदास मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा दावा किया है.हाल ही में एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है और वहां भी खुदाई की जानी चाहिए. प्रदेश में अलग-अलग जिलों, मुख्यतः संभल में मंदिरों और बावड़ियों की खोज में जारी खुदाई के संदर्भ में कन्नौज सांसद ने कहा कि ‘चूंकि खुदाई का काम चल रहा है, इसलिए मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग है. हमें विश्वास है कि शिवलिंग वहीं है. हम सभी को इसकी खुदाई की तैयारी करनी चाहिए.मीडिया पहले जाए, उसके बाद हम शामिल होंगे.’
उनके इस बयान पर अब सियासत तेज हो गई है. योगी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ‘वो अपना वोट बैंक सुरक्षित करने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं. वो इस तरह की बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं ताकि उनका मुस्लिम वोट बैंक खिसक न जाए. अगर उन्हें इस बारे में पता था तो उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए खुदाई क्यों नहीं करवाई?. समाजवादी पार्टी को सिर्फ़ मुसलमानों का वोट चाहिए, वो कोई काम नहीं करते और यहां वो वोट भी नहीं मांग रहे और काम भी कर रहे हैं.’
बीजेपी ने अखिलेश के आरोपों का दिया जवाब
तो वही दूसरी तरफ़ अखिलेश यादव के इन आरोपों का बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने जवाब देते हुए कहा कि उन्हें संभल में खुदाई से क्या परेशानी है. उन्होंने कहा, 2013 में अखिलेश यादव ने पूरे राज्य की मशीनों के इस्तेमाल से हजार टन सोना निकाला था. वह सोना निकालने के लिए खुदाई कर रहे थे लेकिन उन्हें शिवलिंग से परेशानी है. इस वजह से वो मुख्यमंत्री के घर में खुदाई करने के लिए कह रहे हैं.
अखिलेश यादव के बयान से उठा धार्मिक विवाद
आपको बता दे इस विवाद के बीच अखिलेश यादव के बयान ने राज्य में और देशभर में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोपों को जन्म दिया है. उनका कहना था कि शिवलिंग की खुदाई की प्रक्रिया को लेकर उनका विश्वास है कि मुख्यमंत्री आवास में भी शिवलिंग जरूर मौजूद होगा. हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि ये टिप्पणी हिंदू धर्म के प्रति उनका विरोध व्यक्त करती है और उनकी पार्टी का राजनीतिक उद्देश्य केवल वोट बैंक की राजनीति है.