इन 5 गलतियों से बेबी जॉन ने डुबाई लुटिया, कहा चूक गए एटली !

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‘बेबी जॉन’ वरुण धवन की बाकी फिल्मों से पूरी तरह से अलग है. इस फिल्म में बॉलीवुड के हीरो को साउथ के फ्लेवर के साथ बड़े पर्दे पर पेश किया गया है. फिल्म को शाहरुख खान की ‘जवान’ का निर्देशन करने वाले एटली ने प्रोड्यूस किया है.अब बात करते हैं उन 5 कारणों पर जिनके चलते आप वरुण धवन, कीर्ति सुरेश और वामिका गब्बी की ‘बेबी जॉन’ देखना स्किप कर सकते हैं.

8 साल पुरानी फिल्म का रीमेक
‘बेबी जॉन’ की 50 प्रतिशत कहानी जरूर नई हो, लेकिन 50 प्रतिशत फिल्म ‘थेरी’ की कॉपी पेस्ट लगती है. आज जब फिल्मकार दावा करते हैं कि भारतीय सिनेमा एक है, तब इस तरह के रीमेक बनाने का क्या सेंस है? ये समझ से परे है. अक्षय कुमार की ‘सिरफिरा’ में भी यही दिक्कत थी. एक समय था जब बॉडीगार्ड, राउडी राठौर जैसे साउथ के रीमेक बॉलीवुड में चलते थे, क्योंकि तब ओटीटी प्लेटफार्म ज्यादा नहीं थे. आज जब ओटीटी, यूट्यूब जैसे माध्यमों पर साउथ की हर फिल्म का हिंदी वर्जन घर बैठे देखने मिल रहा है, तब कोई अपने 1000 रुपये खर्च कर इन फिल्मों का रीमेक थिएटर में क्यों देखना चाहेगा.

कंटीन्यूटी
फिल्म में कुछ चीजें सहूलियत के हिसाब से गायब हो जाती हैं. जैसे कि फिल्म की शुरुआत में वरुण धवन का एक परिवार दिखाया है, जहां उनकी बेटी, उनका दोस्त और टाइगर (उनका डॉग) एक साथ रहते हैं. लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, टाइगर कहानी से गायब हो जाता है. फिर वो क्लाइमेक्स में भी नहीं दिखता.

प्रेडिक्टेबल कहानी
‘बेबी जॉन’ की कहानी में कुछ नयापन नहीं है. फिल्म में ऐसा कोई भी मोड़ नहीं आता, जहां हमें शॉक लगता है. मास फिल्मों में ‘शॉक फैक्टर’ बेहद जरूरी होता है, पुष्पा 2 में वो फैक्टर है. लेकिन ‘थेरी’ देखने की वजह से ‘बेबी जॉन’ की पूरी कहानी प्रेडिक्टेबल लगती है.

एक्शन सीन
फिल्म में एक्शन सीन पर और काम किया जा सकता था. फिल्म में दिखाया गया एक्शन बुरा नहीं है. लेकिन इसी महीने की शुरुआत में रिलीज हुई पुष्पा 2 ने लोगों को कुछ ऐसा दिखाया है कि अब एक्शन सीन से उम्मीदें काफी बढ़ गई है. पुष्पा के मुकाबले ‘बेबी जॉन‘ के एक्शन सीन में नयापन मिसिंग है.

लॉजिक
अगर आप किसी खतरनाक गुंडे के बेटे को मारते हैं और आपको पता है कि जब उसे पता चलेगा तब वो आपको और आपके परिवार वालों का नुकसान पहुंचा सकता है. क्या तब भी आप उसके सामने बड़े ही होशियारी से बता देंगे कि आपने उसके बेटे को मारा है? जिसके बारे में किसी को भी जानकारी नहीं थी, वो बात जिस तरह से जॉन ‘आ बैल मुझे मार’ की तरह अपने सबसे खतरनाक दुश्मन को बता देता है, उसे हमारी भाषा में बेवकूफी कहते हैं. 8 साल बाद भी इस गलती को न सुधारना दुखद है.

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