क्या आप भी देखते है घंटो रील्स, क्या आप भी है मोबाइल एडिक्ट ? तो हो जाइये सावधान, नहीं तो हो जाएंगे इस बीमारी का शिकार, जी हाँ हमारे आसपास कई लोग हैं जो इंस्टाग्राम रील्स या शॉर्ट वीडियो देखते हुए घंटों बर्बाद कर देते हैं और उन्हें इसका एहसास भी नहीं होता. ज्यादातर रील्स में ऐसा कंटेंट होता है जिसका कोई खास मतलब नहीं होता. वक्त को पूरी तरह से बर्बाद करने का बेहतरीन ऑप्शन होता है. ऐसे आपने कभी सोचा रील्स शॉर्ट वीडियो को लगातार देखने की ऐसी आदत को क्या कहा जाता है? इसके लिए क्या शब्द है… जो की शभ्द ऑफ द ईयर बन गया है.. बता दें,ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस आदत को बयां करने वाले शब्द को 2024 का वर्ड ऑफ द ईयर चुना है. इसे ब्रेन रॉट कहा जाता है.
हमारे आस-पास ऐसे कई लोग हैं जो इंस्टाग्राम, टिकटॉक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घंटों रील्स देखने में गुजार लेते हैं। बिना सोचे-समझे घंटों स्क्रॉल करते रहते हैं। अगर आपके आस-पास कोई ऐसा कर रहा है या आप खुद ऐसा करते हैं तो शायद आप ब्रेन रोट से पीड़ित हो सकते हैं। यह एक ऐसी खतरनाक लत की चपेट में है जो दिमाग को सड़ा रही है, बौद्धिक क्षमता को खत्म कर रही है.. ब्रेन रोट को लेकर रिपोर्ट कहती है कि 2023 से 2024 के बीच इस शब्द के इस्तेमाल में 230 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऑक्स फोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी ब्रेन रोट शब्द को 2024 का वर्ड ऑफ द ईयर चुना है। ब्रेन रोट ऐसी आदत है, जो हमें घंटों रील्स देखने से हो सकती है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऐसी आदत है जो हमें मानसिक रूप से क्षति पहुंचा रही है और हमारी बौद्धिक क्षमता को खत्म कर रही है। हो सकता है कि ब्रेन रोट आपके लिए नया शब्द हो, लेकिन इसका पहली बार इस्तेमाल इंटरनेट के निर्माण से बहुत पहले हो गया था। 1854 में हेनरी डेविड थोरो नामक लेखक ने अपनी पुस्तक वाल्डेन में इसके बारे में लिखा था। उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल मानसिक और बौद्धिक प्रयास में सामान्य गिरावट के लिए किया। यह शब्द सोशल मीडिया पर जेन जेड और जेन अल्फा समुदायों के बीच लोकप्रिय हुआ था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर पाई जाने वाली बेकार और बिना मतलब के वीडियो या रील्स देखने की आदत के लिए किया जाता है।