लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के काफिले को बुधवार को गाजीपुर बार्डर पर रोक लिया गया। इस पर उन्होंने कहा कि वह पुलिस के साथ अकेले संभल जाने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें इसकी भी अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्हें संभल जाने से रोका जाना लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनके विशेषाधिकारों का हनन है। हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, मगर पुलिस मना कर रही है। लोकसभा में नेता विपक्ष के नाते मेरा अधिकार बनता है कि मैं वहां जा सकता हूं। मगर तब भी वह मुझे रोक रहे हैं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह विपक्ष के नेताओं के अधिकारों के खिलाफ है मुझे संभल जाने देना चाहिए। गाजीपुर से वापस जाना बहुत ही निराशाजनक है, यह संविधान के खिलाफ है। मुझे मेरे संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं, यह नया भारत है। यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है लेकिन हम इनके खिलाफ लड़ते रहेंगे।
वही प्रियंका वाड्रा गांधी ने कहा कि राहुल नेता प्रतिपक्ष हैं। उनका संवैधानिक अधिकार है जो उन्हें नहीं मिला है। उन्हें संभाल जाने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। पुलिस हम लोग को रोक रही है लेकिन वाजिब सवाल करने पर भी उनके पास कोई जवाब नहीं है।
राहुल के खिलाफ नारेबाजी से भड़के कांग्रेसी
जाम में फंसे कई लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचना था. एसपी त्यागी नाम के एक बुजुर्ग को अपने भाई की अंतिम यात्रा में शामिल होना था. वे करीब डेढ़ घंटे से जाम में फंसे थे. उन्होंने जाम खोलने की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद जाम में फंसे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों ने राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. जिस पर वहां मौजूद कांग्रेसी भड़क गए और जनता को ही पीटने और उनसे गाली गलौज करने लगे. हलांकि, पुलिस की सख्ती के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वापस दिल्ली लौट गए, लेकिन जिस तरह से जनता परेशान हुई उससे यही लग रहा है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सेल्फ गोल किया है.