शादी में खाना कम पड़ने के चक्कर में दूल्हा बारात वापस ले गया !

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उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक अनोखा मामला सामने आया. यहां शादी समारोह के दौरान खाने को लेकर हुए विवाद ने बड़ा रूप ले लिया. बारातियों और घरातियों के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई कि गुस्से में दूल्हा पूरी बारात लेकर वापस लौट गया. जब दुल्हन पक्ष ने पुलिस से शिकायत की तो अधिकारियों ने पहल कर मामले को शांत करवाया और आखिरकार मंदिर में शादी संपन्न कराई गई.दरअसल, यह घटना कौशांबी थाना क्षेत्र के गढ़वा गांव की है. यहां रविवार को देवनाथ की बेटी अंतिमा की शादी होनी थी. बारात चित्रकूट जिले के शेषा मऊ गांव से आई थी, जिसमें धर्मेंद्र के बेटे कमलेश दूल्हा थे. बारात पूरे धूमधाम से डीजे के साथ दुल्हन के दरवाजे तक पहुंची. द्वारपूजा की रस्म के बाद जैसे ही खाने-पीने का सिलसिला शुरू हुआ, तो घरातियों और बारातियों के बीच तनातनी हो गई.

खाने पर क्यों हुआ विवाद?

घरातियों का कहना था कि निर्धारित संख्या से ज्यादा बाराती आ गए थे, जिसके कारण खाने-पीने की व्यवस्था में परेशानी हो रही थी. वहीं, बारातियों का आरोप था कि उनके स्वागत में उचित इंतजाम नहीं किए गए और नाश्ते व खाने की गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं थी. धीरे-धीरे यह बहस बढ़ने लगी और दोनों पक्षों में जमकर कहासुनी होने लगी

.गुस्से में लौटी बारात

बात इतनी बिगड़ गई कि गुस्से में दूल्हा कमलेश ने बिना शादी किए ही बारात वापस ले जाने का फैसला कर लिया. नाराज दूल्हा पूरी बारात के साथ अपने गांव लौट गया. यह सुनकर दुल्हन के परिवार में हड़कंप मच गया. परिजन परेशान हो गए और तुरंत कौशांबी थाने पहुंचकर पुलिस से मदद की गुहार लगाई.

पुलिस ने निभाई अहम भूमिका

दुल्हन पक्ष की शिकायत पर थाना प्रभारी उर्मिला सिंह ने तुरंत कार्रवाई की और पुलिस टीम को दूल्हे के घर भेजा. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की और बारात को वापस लाने में सफल रही. हालांकि, जब दूल्हे को दुल्हन के दरवाजे ले जाने की बात कही गई, तो उसने इनकार कर दिया और मांग की कि शादी थाने में करवाई जाए.

मंदिर में कराई गई शादी

पुलिस ने दोनों परिवारों से बातचीत कर मामले को शांत करवाया और आखिरकार दोनों पक्षों की सहमति से थाना परिसर के पास स्थित मंदिर में शादी संपन्न करवाई गई. अगले दिन सुबह दूल्हा-दुल्हन की शादी कराई गई और पूरे रीति-रिवाज के साथ विदाई कर दी गई.

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