बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने संभल हिंसा पर विवादित बयान दिया है। मौलाना ने कहा कि संभल के जरिए पूरे देश में अफरातफरी का माहौल बनाने की कोशिश की गई। पुलिस प्रशासन अलर्ट पर बैठा था कि बस आर्डर आना है और मस्जिद में घुस जाना है। पहले सर्वे में मुसलमानों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो वे दंगा कराने में नाकाम हो गए। दूसरे सर्वे के बहाने में मस्जिद में घुसे। हिंदू आतंकवादी संगठनों को साथ लेकर गए थे। धार्मिक उन्मादी नारे लगवाते हुए गए। पत्थर भी अपने साथ लेकर गए थे। अगर मुसलमान पत्थर नहीं फेंकेगा तो पत्थर फेंकेंगे ताकि पुलिस को गोली चलाने में आसानी हो जाए।
केंद्र सरकार पर लगाया साजिश का आरोप
तौकीर रजा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो भी कुछ हो रहा है, वो सब दिल्ली के इशारे पर हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर साजिश करने का आरोप लगाया। कहा कि दिल्ली लखनऊ के मुख्यमंत्री को बदलना चाहती है। इसीलिए यहां का माहौल खराब किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि संभल के जितने भी अधिकारी हैं, उन सबको हटाया जाए। संभल हिंसा की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। मौलाना ने संभल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। कहा कि बेईमानी और सांप्रदायिक के आधार पर जो भी मामले हो रहे हैं, उन सबका सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।
पुलिस ने नहीं जाने दिया संभल
मौलाना तौकीर रजा खान शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने के बाद शहर से संभल के लिए रवाना हुए थे। सीबीगंज में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस उन्हें थाने ले गई। वहां मौलाना संभल जाने पर अड़े रहे। काफी देर तक बातचीत हुई। हिरासत में लेने के बाद मौलाना तौकीर रजा को छोड़ दिया। वहां से वह अपने समर्थकों के साथ वापस बरेली स्थित अपने घर आ गए।