सबसे सुंदर ‘साध्वी’ की ये सच्चाई नहीं जानते होंगे! ग्लैमर की दुनिया छोड़ इसलिए लिया संन्यास?

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महाकुंभ 2025 में लगभग 40 करोड़ लोग प्रयागराज पहुंच रहे है इसमें में से एक से बढ़ कर एक साधु और साध्वी अपने अलग अलग भेष भूषा को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाओं में घिरे हुए है आपको बता दें महाकुंभ के पहले ही दिन हर्षा रिछारिया अब सबसे ज्यादा सुंदर साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तो वही हर्षा रिछारिया की हर तरफ चर्चा भी हो रही है. अब खबरें आ रही हैं कि वो साध्वी बन गई हैं.

आपको बता दें सोशल मीडिया पर उनकी वीडियोज और फोटोज वायरल हैं. महाकुंभ में वो रथ पर सवार होकर पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने माथे पर तिलक लगाया था, फूलों की माला पहनी थी. उन्हें महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी कहा जा रहा है.

हर्षा ने बताया कि वो 2 साल से साध्वी हैं. हर्षा ने महाकुंभ से कई सारे फोटो और वीडियोज शेयर किए हैं. इसके बाद से उनके पुराने फोटोज और वीडियोज वायरल हो रहे हैं. इन फोटोज और वीडियोज में हर्षा को शॉर्ट ड्रेसेस में पोज और डांस करते हुए देखा जा सकता है.

एक वीडियो में वो शॉर्ट डेनिम ड्रेस और क्रॉप टॉप पहने नजर आ रही हैं. उन्होंने लाउड मेकअप और कर्ली हेयरस्टाइल से लुक कंप्लीट किया. हर्षा को टैटू का भी शौक है. उन्होंने अपने पैर पर टैटू बनवाए हैं. हाई स्लिट ड्रेस से लेकर ऑफ शोल्डर आउटफिट तक में हर्षा को देखा जा सकता है. उनका स्टाइल स्टेटमेंट किसी एक्ट्रेस से कम नहीं है.

हर्षा रिछारिया के इंस्टाग्राम बायो के मुताबिक, वो एक पब्लिक फिगर, सोशल एक्टिविस्ट और इंफ्लुएंसर हैं. वो निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंद गिरी जी महाराज की शिष्या हैं. वो खुद को हिंदू सनातन शेरनी बुलाती हैं. हर्षा उत्तराखंड से हैं.

बात करे हर्षा रिछारिया महाकुंभ की तो महाकुंभ में आने से पहले इंस्ट्राग्राम पर उनके साढ़े पांच लाख के करीब फॉलोअर्स थे। जो अब आठ लाख हो चुके हैं। ऐसे में वह गदगद भी हैं। ग्लैमर की दुनिया से यहां साधु संतों के साथ महाकुंभ में आने को लेकर उनका कहना है कि कुछ चीजें हमारी किस्मत में लिखी होती हैं। कुछ पुराने जन्मों का फल भी होता है। हमारी जिंदगी में कब क्या होना है, यह सब ऊपर से निर्धारित होता है। मैं बहुत अच्छी लाइफ पहले से जी रही हूं। देश-विदेश में खूब घूमा है। पिछले कुछ समय से मैंने उस लाइफ से विराम लिया है। अब साधना में हूं, गुरुदेव की शरण में आई हूं। अब लगता है कि इस जिंदगी को ज्यादा इंज्वाय कर रही हूं।

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