यूपी के गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ एक और केस दर्ज हुआ है. महाकुंभ पर दिए विवादित बयान को लेकर उनके खिलाफ ये कार्रवाई हुई है. दरअसल, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देव प्रकाश सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा सांसद ने अपने पद की गरिमा के विरुद्ध जाते हुए महाकुंभ पर टिप्पणी की, जिससे सनातनियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इसके पूर्व भी उनके द्वारा साधु-संतों के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी की गई थी.
बता दें कि गाजीपुर के थाना शादियाबाद में सांसद अफजाल अंसारी पर मामला दर्ज हुआ है. उनके खिलाफ 299 और धारा 353 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. उनपर आरोप है कि रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी की थी.
इस बारे में एसपी गाजीपुर ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया है कि शादियाबाद थानांतर्गत दिनांक 12 फरवरी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत पर बीएनएस की धारा 299 और धारा 353 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
मालूम हो कि बीते दिन रविदास जयंती के मौके पर मंच से बोलते महाकुंभ को लेकर सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा था- ‘लगता है स्वर्ग हाउस फुल हो जाएगा, नर्क में कोई बचेगा ही नहीं. श्रद्धा के इस पर्व पर मान्यता है कि संगम तट पर नहाकर व्यक्ति पवित्र हो जाएगा, पाप धुल जाएगा, बैकुंठ का रास्ता खुल जाएगा.’
अंसारी ने दिया था ये बयान !
गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने माघ पूर्णिमा पर आयोजित महाकुंभ स्नान की भीड़ को देखते हुए सनातन धर्म की व्यवस्था पर सवालिया निशान उठाते शादियाबाद में कहा था कि संगम तट पर नहा कर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा, इसका मतलब है कि आगे बैकुंठ में जाने का रास्ता खुल जाएगा और भीड़ देखने से ऐसा लग रहा है कि अब नर्क में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग में हाउसफुल हो जाएगा.
इस दौरान उन्होंने ट्रेनों से यात्रा करने वालों की भारी भीड़ पर बोलते हुए कहा ट्रेनों की हालत यह है कि लोग शीशे तोड़ रहे हैं और अंदर औरतों कांप रही हैं. बच्चों को गोद में छुपा कर रो रही हैं, बिलख रही हैं. हमारे और आपके घर के बच्चे ट्रेनों के शीशे तोड़ रहे हैं, पुलिस वाले भी परेशान हैं और टीटी अपने काले कोट उतार कर झोले में रख दिए हैं कि कहीं भीड़ हमारी भी पिटाई ना कर दे. वहीं, महाकुंभ में मची भगदड़ में न जाने कितने लोगों की मौत हो गई, लेकिन सही गिनती आज तक पता नहीं चल पाई, लौट के जो लोग आ रहे हैं वह मौत का मंजर बयां कर रहे हैं