अपनी मांगें पूरी नहीं होने को लेकर किसानों ने एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ कर दिया है . संसद का घेराव करने के लिए हजारों किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. नोएडा से किसान दिल्ली की ओर रवाना हो गए हैं. हालांकि, नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. 5000 जवानों की तैनाती की कई है. किसानों के कूच को लेकर नोएडा में कई जगहों पर जाम लगा है. हर तरफ निगरानी रखी जा रही है. कई रूट को किया गया डायवर्ट किया गया है. किसान पुलिस के घेरे को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.हजारों किसान ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण से निकल गए हैं. पुलिस ने किसानों को रोकने का काफी प्रयास किया लेकिन किसान नहीं रुके. हल्ला बोल करते हुए ये किसान नोएडा महामाया फ्लाईओवर के लिए निकले
इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जैसे चार गुना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और 10% विकसित भूखंड जैसी मांगों को लागू करवाना है. अपनी मांगें पूरी नहीं होने को लेकर किसान एक बार फिर ‘दिल्ली कूच’ करने की तैयारी में हैं. किसानों ने एक बार फिर सड़कों पर उतरने की योजना बना ली है. नोएडा के आक्रोशित किसान भारी संख्या में सोमवार (2 दिसंबर) को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. रविवार को यहां के किसानों और प्राधिकरण के बीच लगभग 3 घंटे तक बैठक चली. लेकिन बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद किसानों अपनी मांगों को लेकर 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य गोरखपुर जैसे चार गुना मुआवजे, भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ और 10% विकसित भूखंड जैसी मांगों को लागू करवाना है.
नहीं मांगी गईं किसानों की मांगें
किसान पहले ही यमुना प्राधिकरण कार्यालय के सामने चार दिनों तक धरने पर बैठे रहे, लेकिन उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया. अब किसान दिल्ली में संसद का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं. पुलिस, जिलाधिकारी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में किसानों की कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गईं. हालांकि, अधिकारियों ने किसानों की मांगों को मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद किसानों का गुस्सा और बढ़ गया. किसान नेताओं ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो दिल्ली कूच करेंगे और उनका आंदोलन और तेज हो सकता है.
क्या है किसानों की मांगें ?
किसानों की मांग है कि उनको गौतमबुद्ध नगर में जमीन अधिग्रहण पर पूरे राज्य की तरह की दाम का 4 गुना मुआवजा दिया जाए. किसान कहते हैं कि पिछले 10 सालों में जो सर्किल रेट नहीं बढ़ा है उसे भी बढ़ाया जाए.इसके साथ ही, किसान विकसित भूखंड का 10 फीसदी दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
6 दिसंबर को भी किसान करेंगे मार्च
जानकारी ये भी है कि जाब और हरियाणा के सीमा क्षेत्र पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता 6 दिसंबर को दिल्ली के लिए मार्च करेंगे.