क्यों बनाये जाते है डिप्टी सीएम क्या है इनका कारण !

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महाराष्ट्र में 2 डिप्टी सीएम बनाए जा रहे हैं. देश में इसी के साथ कुल 26 उप मुख्यमंत्री हो जाएंगे. वर्तमान में देश के 16 राज्यों में डिप्टी सीएम हैं. इनमें 9 राज्यों में 2-2 और सात राज्यों में एक-एक उप मुख्यमंत्री हैं अब आप सोच रहे होंगे कि में आपको ये सब क्यों बता रही हु आपको तो ये सब पहले से ही पता है लेकिन आपको बता दे कि हमारे संविधान के किसी भी  अनुच्छेद में  डिप्टी सीएम के पद को लेकर कोई जिक्र ही नहीं है सवाल ये उठ रहा आखिर क्यों डिप्टी सीएम बनाए जाते है  आईए जानते है क्या है मुख्य कारण
वैसे भारतीय राजनीति में उप-मुख्यमंत्री  पद की परंपरा लंबी है. कई सालों से पार्टी इस पद पर अपने वरिष्ठ नेता को बिठाती रही है. ऐसा समझा जाता है जब मुख्यमंत्री के समकक्ष ही पार्टी के भीतर कोई दूसरा नेता भी होता है तो उन्हें डिप्टी पद दे दिया जाता है. या फिर गठबंधन सरकारों में साझा प्रोग्राम के तहत डिप्टी सीएम बनाये जाते हैं.

आपको बता दे भारत में सबसे पहले बिहार के अनुग्रह नारायण सिंह स्वतंत्र भारत के पहले डिप्टी सीएम बने थे. वे 1956 तक इस पद पर रहे. इसके बाद हरियाणा में डिप्टी सीएम बनाया गया. वही 1990 के बाद देश में डिप्टी सीएम बनाने की परंपरा शुरू हो गई. बिहार के सुशील कुमार मोदी सबसे ज्यादा वक्त तक डिप्टी सीएम के पद पर रहे.
डिप्टी सीएम क्यों बनाए जाते हैं,  क्या है ख़ास कारण
1_आपको बता दे सबसे पहले जाति समीकरण साधने के लिए- जी हां उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर राज्य में कम से कम 4-5 जातियां और सामाजिक तौर पर ज्यादा मुखर है. सरकार बनने पर पार्टी सिर्फ एक जाति के शख्स को मुख्यमंत्री बना सकती है. ऐसे में बाकी जातियों को साधने के लिए डिप्टी सीएम बनाया जाता है.

गठबंधन के समीकरण को साधने के लिए- गठबंधन के समीकरण को साधने के लिए भी डिप्टी सीएम बनाए जा रहे हैं. मसलन, महाराष्ट्र में 3 पार्टियां सरकार में है. ऐसे में मुख्यमंत्री सिर्फ एक ही पार्टी की बन सकती है, जिसकी वजह से अन्य पार्टियों की सरकार में मजबूत हिस्सेदारी दिखाने के लिए डिप्टी सीएम का पद दिया जाता है.

चेक एंड बैलेंस नीति भी एक वजह- डिप्टी सीएम बनाए जाने की एक वजह चेक एंड बैलेंस नीति भी है. सरकार में आने के बाद अपने नेताओं को साधे रखने के लिए पार्टियां डिप्टी सीएम बनाती है.

वही डिप्टी सीएम के कार्य  भी सीएम से अलग होता है जी हां आपको बता दे डिप्टी सीएम को किसी अन्य कैबिनेट मंत्री के रूप में एक या दो पोर्टफोलियो मिलते हैं.तो वही  उन्हें वित्त मंत्री के अलावा कृषि, खेल और युवा मामले, महिला और बाल से विभाग मिल सकते हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी में डिप्टी सीएम ही राज्य के प्रशासन के प्रमुख होते हैं

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