बहुजन समाज पार्टी आजकल बहुत ही बुरे समय से गुजर रही है बात करे राजनीतिक में तो वही भी उनकी दल नहीं गल रही लोकसभा चुनाव में जिस तरह से हर का सामना करना पड़ा उसे बसपा पूरी तरह से टूटती हुई नजर आ रही है तो वही मायावती के आपसी के रिश्ते में भी रंजिश बढ़ती हुई दिखाई दे रही है जो हा आपको बता दे कुछ दिन पहले ही मायावती ने आशीष आनंद के ससुर को पार्टी से बाहर के रास्ता दिखा दी जिसे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि मायावती के घर में कुछ भी सही नहीं चल रहा तो वही बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांशीराम की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिह्नों पर चलते हुए मैं अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देेकर पार्टी मूवमेंट को आगे बढ़ाने का संघर्ष जारी रखूंगी, ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। इसे आगे बढ़ाने के लिए स्वार्थ, रिश्ते-नाते महत्वहीन हैं। मेरे लिए बहुजन-हित सर्वोपरि है। अपने समधी अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर करने के बाद उनके इस बयान के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।
आपको बता दें मायावती ने जारी बयान में आगे कहा कि बसपा डॉ. आंबेडकर द्वारा शुरू किए गए बहुजन समाज के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने तथा कांशीराम द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी और उसका मूवमेंट है। कांशीराम की तरह ही मेरे जीते-जी भी पार्टी व मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी है, जब वह भी कांशीराम की अंतिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह पार्टी व मूवमेंट को हर दुख और तकलीफ उठाकर आगे बढ़ाने में जी-जान से लगा रहे। उन्होंने पार्टी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर तन, मन, धन से काम करते रहें। इसी जिम्मेदारी के साथ कैडर के बल पर जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती व सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है।
आकाश कैंप ने साधी चुप्पी
अब सवाल ये उठ रहा है कि आकाश आनंद आखिर चुप्पी क्यों साध ली है क्या अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने चुप्पी साध ली है। आकाश आनंद के कैंप में भी मायावती के इस फैसले के बाद सन्नाटा पसरा है। आमतौर पर मायावती के हर फैसले पर प्रतिक्रिया देने वाले आकाश ने इस मामले में काेई भी टिप्पणी नहीं की। रविवार को जारी मायावती के बयान से साफ हो गया है कि बसपा में अंदरखाने सब ठीक नहीं है।
दिल्ली हादसे के पीड़ितों की मदद करे सरकार
तो वही बसपा सुप्रीमो ने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुए हादसे को लेकर कहा कि प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर उमड़ी भीड़ के बीच रेलवे की गंभीर लापरवाही से मची भगदड़ में काफी लोगों की हुई मौत व घायल होने की घटना दुखद है। उन्होंने पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना जताने के साथ केंद्र सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा पीड़ितों की पूरी मदद करने की मांग की है तो वही मायावती लगातार कुंभ मेले को लेकर और उनके अव्यवस्थाओं पर सवाल उठाती आई है
भतीजे आकाश आनंद के लिए इशारा
तो वही ये अनुमान लगाया जा रहा है कि मायावती का यह बयान उनके भतीजे आकाश आनंद के लिए था, जो बीएसपी के राष्ट्रीय संयोजक हैं। मायावती ने यह भी इशारा किया कि आकाश आनंद को पार्टी के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और उनकी आलोचना करते हुए यह कहा कि पार्टी के हालिया चुनावी प्रदर्शन में आकाश के नेतृत्व में कुछ कमियां सामने आई हैं। मायावती ने अपने भतीजे की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए डॉ. अशोक सिद्धार्थ की तरह ही आकाश आनंद को भी पार्टी के हित में काम करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को नुकसान हो रहा है, क्योंकि आकाश वही कर रहे हैं, जो डॉ. सिद्धार्थ ने किया था।