वक्फ बिल सदन में घमासान आपस में भीड़े दो मौलाना एक ने कहा मुसलमानों के लिए हितकारी तो दूसरे ने कहा ‘सत्ता का नशा’ !

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वक्फ बिल को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. कुछ दल इस बिल के समर्थन में हैं तो कुछ इसके विरोध में अपनी-अपनी दलीलें दे रहे हैं. इस बीच यूपी के बरेली के मौलानाओं ने वक्फ बिल पर प्रतिक्रिया दी है. दरगाह आला हजरत के प्रचारक और ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने इस बिल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल मुस्लिम समाज के हित में है. इससे मुसलमान का विकास होगा. वहीं, आईएमसी यानी कि मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने बिल के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है.

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कही ये बात

बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि वक्फ बिल फायदेमंद साबित होगा क्योंकि अभी तक वक्फ बोर्ड और व माफिया मिलकर देश की कीमती जमीनों पर कब्जा कर लेते थे. उसपर शॉपिंग मॉल बना लेते थे. लेकिन इस नए बिल के पास होते ही यह सब बंद हो जाएगा. अवैध कब्जे वाली संपत्ति मुसलमान लोगों के हित में लगाई जाएगी.

मौलाना ने आगे कहा कि किसी भी दरगाह, मस्जिद , मदरसा या मुस्लिम स्थल पर सरकार का कोई दखल नहीं है, ना ही कब्जा है. कुछ लोग समाज को सिर्फ बहका रहे हैं. वक्फ बिल पास होते ही सभी मुस्लिम धार्मिक स्थलों का नए रूप में विकास होगा. उनसे होने वाली आय मुस्लिम महिलाओं, बच्चों के शिक्षा-चिकित्सा आदि कार्यों में खर्च होगी.

अगर वक्फ बिल में दो गैर मुस्लिम सदस्यों के दखल की बात की जाए तो कई जिलों में अल्पसंख्यक अधिकारी इंस्पेक्टर और मंडल अधिकारी भी होते हैं. जरूरी नहीं कि वह गैर मुस्लिम ही हो या फिर मुस्लिम ही हो. कमेटी में भी यदि गैर मुस्लिम सदस्य हैं तो किसी को कोई एतराज नहीं होना चाहिए.

वक्फ बिल पर मौलाना तौकीर रजा खां का बयान

वक्फ बिल को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि आप ताकत के नशे में जो चाहे वह करें, वक्फ बिल ले आओ, हमें कोई दिक्कत नहीं है, हमारी जायदाद पर कब्जा कर लो, हमें कबूल है, हम सब्र कर लेंगे. हिंदुओं को बहकाया जा रहा है, ऐसी तमाम चीजों में उलझाकर उनको असल मुद्दों से दूर किया जा रहा है.

बकौल तौकीर रजा- वक्फ बिल का कोई विरोध नहीं कर रहा है. पहले भी कोई विरोध नहीं था, आज भी कोई विरोध नहीं है. विरोध तो तब करेंगे जब आप कोई बात सुनेंगे. आपने तय कर लिया है कि मुसलमान को दबाना है. वक्फ की जमीन पर सरकार की गंदी निगाह है.

उधर, बरेली की दरगाह आला हजरत पर जियारत करने पहुंचे कुछ लोगों से जब बातचीत की गई तो एक जायरिन ने कहा यह बिल बिल्कुल गलत है. मुसलमान पर जुर्म हो रहा है. कहा जा रहा है कि वक्फ बोर्ड का मसला हल होगा, लेकिन असल में बात कुछ और है.

एक दूसरे जायरिन ने कहा कि सरकार की मंशा है कि मुसलमान का दमन किया जाए. बिल में प्रावधान है कि वक्फ कमेटी में दो हिंदू मेंबर भी रहेंगे. क्या उनकी किसी धार्मिक कमेटी में मुस्लिमों को मेंबर बनाएंगे.

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