दो महीने पहले शुभम द्विवेदी ने जीवन की नई शुरुआत की थी. शेरवानी पहने, घोड़ी पर चढ़ते, स्टेज पर झूमते हुए, हाथ में ऐशान्या का हाथ थामे… वो हर पल एक जश्न था. हर फोटो में मुस्कान थी. लेकिन किसे पता था कि महज़ दो महीने बाद यही तस्वीरें आंसुओं की बाढ़ बन जाएंगी और एक हंसता-खिलखिलाता चेहरा, आतंकियों की कायराना गोली का निशाना बन जाएगा.
सोशल मीडिया पर शुभम और ऐशान्या की शादी की तस्वीरें वायरल हैं. लाल लहंगे में सजी दुल्हन, सिर पर सेहरा बांधे दूल्हा, वरमाला के फूलों से सजा मंडप, और बीच में शुभम की वो मुस्कुराती आंखें. अब यही तस्वीरें परिजनों के लिए असहनीय दर्द बन चुकी हैं. जो एल्बम पहले यादें थीं, अब वही ऐशान्या की चुप्पी में बदल चुकी हैं.
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के चचेरे भाई ने बताया कि भाभी ने भाई के गोली लगने की सूचना दी.चचेरे भाई ने कहा कि भाई और भाभी मैगी खा रहे थे कि तभी अचानक वर्दी में दो लोग उनके पास आए और पूछा क्या तुम मुसलमान हो? अगर हो तो कलमा पढ़ कर सुनाओ, हालांकि जब जवाब सही नहीं मिला तो उनकी हत्या कर दी गई. सरकार को इस घटना का मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. ताकी आतंकी इस तरह की कायराना हरकत न करें और किसी भी हिंदुस्तानी पर गोली चलाने से सोचें.
चचेरे भाई ने कहा कि भाभी फिलहाल ट्रामा में हैं. सरकार को जल्द से जल्द भैया की डेडबॉडी भेजनी चाहिए. आपको बता दें कि शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में ही सीमेंट के कारोबारी हैं. शुभम को जम्मू-कश्मीर से बुधवार को लौटना था. शुभम की मौत की सूचना जैसे लगी, वैसे ही घर में कोहराम मच गया. घर वालों कहना है कि आतंकवादियों ने जिस तरह की कायराना हरकत की है और मेरे शुभम को मारा है, वैसे ही सरकार को इनसे बदला लेना है.
पूरे देश में आक्रोश
पहलगाम के बैसरन में मंगलवार को बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिससे बाद पूरे देश में आक्रोश है. यहां आतंकियों ने एक टूरिस्ट ग्रुप को निशाना बनाया, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई. दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल भी हुए, जिनका इलाज चल रहा है. आतंक का शिकार हुए इन लोगों की कहानियां सामने आ रही हैं तो झकझोर कर रख दे रही हैं. कानपुर के शुभम की तरह ही एक नेवी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात करनाल के रहने वाले विनय नरवाल भी थे जिनकी हाल ही में शादी हुई थी. वो हनीमून मनाने कश्मीर गए थे. उन्हें भी आतंकियों ने मार डाला.