उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पुलिस मुठभेड़ में शहीद हुए सिपाही सौरभ के घर में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. जैसे ही आज दोपहर सौरभ का शव शामली जिले के बडहेव गांव स्थित निजी आवास पर पहुंचा, कोहराम मच गया. सौरभ की पत्नी रोते-रोते बेसुध हो गईं. परिवार की हालत देखकर मौके पर मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं.
बेटे को खोने के बाद सौरभ के पिता उत्तम कुमार बेहद गमजदा और खफा हैं. उन्होंने कहा है कि जैसे मेरे बेटे को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया, वैसे ही सरकार उन अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलवाए और उन्हें भी गोली मारे. आतंकियों की तरह उनका सफाया हो. इस जघन्य हमले के दोषियों को भी ऐसा सबक सिखाया जाए कि कोई फिर पुलिस पर हमला करने की हिम्मत न करे.
वहीं, शामली जिले के ग्रामीणों ने पंचायत में कहा कि बदमाशों के खिलाफ योगी सरकार एनकाउंटर की कार्रवाई करें. सरकार से हमारी मांग है कि पुलिस फोर्स प्लान बनाकर बदमाशों पर अटैक करें. साथ ही शहीद के परिजनों की आर्थिक सहायता की जाए.
आपको बता दें कि शहीद सौरभ के घर में बूढ़े माता-पिता और एक बड़ा भाई है, जो खेती कर घर चलाता है. कल की घटना से पूरा परिवार टूट चुका है. सौरभ की शादी को 5 साल हो चुके थे लेकिन अभी तक संतान नहीं हुई थी. गांव में जब सौरभ की शहादत खबर पहुंची तो हर आंख नम हो गई. सौरभ की मां और पत्नी बेसुध हो जाती, होश आने पर सौरभ को पुकारने लगती. वहीं, गांव की अन्य महिलाएं उनके साथ बैठकर उन्हें ढांढस बंधा रही हैं.
मालूम हो कि 25 मई की रात को नोएडा पुलिस की टीम गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के गांव में शातिर बदमाश कादिर उर्फ मंटा को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. पुलिस टीम जब उसे लेकर गांव से बाहर निकल रही थी, तभी 8-10 बदमाशों ने उन पर अचानक से हमला कर दिया. पहले पथराव हुआ फिर कई राउंड फायरिंग हुई. इसी दौरान एक गोली सौरभ के सिर में लग गई. सौरभ को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
सौरभ वर्ष 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुए थे. फिलहाल, वो नोएडा में तैनात थे. बीती रात उन्होंने फर्ज निभाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. 26 मई को दोपहर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान आला अधिकारी, प्रदेश सरकार के मंत्री, अलग-अलग दलों के नेता समेत सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे.