उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सामूहिक विवाह समारोह में 1,200 जोड़ों की शादी कराई गई. ये कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया था. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बनाने के लिए समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हर व्यक्ति का उत्थान जरूरी है
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बीते मंगलवार को गोरखपुर के हिंदुस्तान फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड के परिसर में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति बनाने के लिए हमें समाज के अंतिम पायदान पर बैठे हर व्यक्ति के बारे में सोचना होगा. हमें उनके जीवन में बदलाव लाना होगा. इस बदलाव को लाने के लिए सरकार ने मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, कन्या सुमंगला योजना और आयुष्मान योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं. सामूहिक विवाह योजना भी इसी प्रगतिशील सोच का प्रतीक है.”
सामूहिक विवाह योजना में शमिल हुए सीएम योगी
गोरखपुर में जारी एक बयान में कहा गया है कि यूपी सरकार ने इस साल से सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति जोड़े खर्च को 51,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है. कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि असली सरकार वही है जो लोगों के घर जाकर उनकी समस्याओं का समाधान कर सके. उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के बाद एक कदम है. यह बाल विवाह, बहुविवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक रूढ़ियों पर भी प्रहार है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर हमें बेटी को बचाना है तो उसे पढ़ाना होगा, उसे सशक्त बनाना होगा. हमें बेटी को आगे बढ़ाने के लिए सभी इंतजाम करने होंगे.” उन्होंने कहा कि गरीबों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए सरकार ने 2017 में बेटी की जन्म से स्नातक तक की शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की. इसके तहत प्रदेश की गरीब और वंचित परिवारों की करीब 24 लाख लड़कियों को जन्म से स्नातक तक की शिक्षा के लिए 25,000 रुपये की राशि दी जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी के जन्म के बाद उसका पंजीकरण होते ही उसके खाते में एक निश्चित राशि जमा हो जाती है. बेटी के एक साल की होने और सभी टीके लगने पर भी एक निश्चित राशि दी जाती है. इसके बाद बेटी के कक्षा 1, कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश लेने और आगे आईटीआई, डिप्लोमा या अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर एक निश्चित राशि खाते में भेजी जाती है. आज यह राशि बेटी की सुरक्षा का सहारा बन रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सामूहिक विवाह योजना के कारण आज गरीब माता-पिता को अपनी बेटियों की शादी की चिंता नहीं रहती.
गोरखपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी के अलावा विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए. इस दौरान पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की लड़कियों के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा केवल 20,000 रुपये दिए जाते थे. यह राशि, जो बहुत अपर्याप्त थी, भेदभाव के साथ जारी की गई थी, सभी को नहीं मिली. जिन्हें मिली, उन्हें समय पर नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि जब 2017 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू की गई थी, तब राशि बढ़ाकर 35 हजार रुपये की गई थी, बाद में 51 हजार और इस साल एक अप्रैल से एक लाख रुपये कर दी गई है. इसमें 60 हजार रुपये बेटी के खाते में जमा किए जाएंगे. शेष राशि घरेलू सामान, लड़की के गहने और भोजन व अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च की जाएगी. सरकार दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को त्यागकर जीवन में बदलाव लाने के लिए यह काम कर रही है.