9 दिन की नौरात्री और फिर नौरात्री के आखिरी दिन वो हुआ जिसके ना होने की तैयारी प्रेदश की शाषन और प्रशाषन ना जाने कितने दिनों से करते चली आती है …लेकिन अब दशहरा के दौरान हुई हिंसा के बाद तो यही लग रहा है कि प्रशाषन सिर्फ दिखावे के तौर पर ही तैयारियां करती है.. हालांकि सीएम योगी ने पूरे मामले पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए है बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहराईच में रविवार को हुई हिंसा में 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी. इसके बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया. सोमवार की सुबह पोस्टमार्टम के बाद मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार ने उनके शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और शव को लेकर परिजन और भीड़ तहसील में प्रदर्शन के लिए आगे बढ़ गई. इस दौरान लोगों ने पुलिस को भी घेर लिया. गाड़ियां फूंक दीं और दुकानों में आग दी. हालांकि, पूरे इलाके में अब माहौल शांत है, लेकिन स्थिति अब भी तनावपूर्ण है. मृतक के गांव में किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है. गांव के बाहर इकट्ठा प्रदर्शनकारियों को पुलिस हटा रही है. हल्का बल का प्रयोग किया गया है.
आइये जानते हैं हिंसा भड़कने की पुरी कहानी-
बता दें कि हर साल की तरह इस साल भी मुस्लिम बहुल इलाके से जुलूस गुजर रहा था.तभी हिंसा की शुरुआत डीजे पर आपत्तिजनक नारे लगाने की वजह से हुई. आरोप ये भी है कि मृतक रामगोपाल ने एक जगह हरा झंडा उखाड़कर भगवा झंडा फहराया था, जिसके बाद आपत्तिजनक नारेबाजी और तेज हो गई.
जिस इलाके में नारेबाजी की जा रही थी, वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका था. आपत्तिजनक नारेबाजी सुनने के बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई. पत्थरबाजी के दौरान ही दूसरे पक्ष की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें रामगोपाल को गोली लगी और वह मर गया. राम गोपाल के अलावा कुछ और लोगों को गोली लगने की सूचना है. हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है. इस घटना में कई लोग घायल हैं. 30 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है.महराजगंज के कबडिया टोला में समुदाय विशेष के दस घरों में आग लगाई गई है.
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि रोमगोपाल कौन था तो बता दें कि हिंसा में जान गंवाने वाले 22 साल के रामगोपाल की 2 महीने पहले ही हुई थी. राम गोपाल के परिवार में उसके माता-पिता और एक बड़ा भाई है . रामगोपाल घर का छोटा बेटा था. मृतक के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, फिलहाल परिवार मुख्यमंत्री से मुलाकात पर अड़ा हुआ है और आरोपियों का एनकाउंटर करने की मांग कर रहा है. क्षेत्रीय विधायक सुरेश्वर सिंह ने परिवारजनों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात कराई जाएगी, दोषियों को बक्सा नहीं जाएगा. इसके बाद परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गया है .