सिंधु जल संधि पर रोक के मुद्दे पर किसान संगठनों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं ने हम सभी को हिलाकर रख दिया है। निर्दोष लोगों से उनका धर्म पूछा गया और उन्हें मार दिया गया। पूरा देश परेशान था और हर दिल में गुस्सा था। हम किसी को छेड़ते नहीं हैं। लेकिन ये भारत है, अगर कोई हमें छेड़ता है तो उसे हम छोड़ते भी नहीं हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों को खुली छूट दे दी। सशस्त्र बलों ने तय किया कि यह भारत है, हम सबको नहीं मारेंगे। आपने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कहते सुना होगा, ‘जिन्हें मोहि मारा ते मैं मारे’। इसलिए, आतंकवादियों और उनके शिविरों को निशाना बनाया गया। सभी आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया। हमने पाकिस्तान पर सीधा हमला नहीं किया, हमारी लड़ाई आतंकवादियों के खिलाफ थी लेकिन पाकिस्तान ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसकी शुरुआत पाकिस्तान ने की थी। उन्हें लगा कि तुर्की और चीन के ड्रोन और मिसाइलों से भारत डर जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है, मैं उनकी वीरता के आगे नतमस्तक हूं। उन्होंने उनके (पाकिस्तान के) ड्रोन और मिसाइलों को खिलौनों की तरह मार गिराया। पंजाब और दूसरे राज्यों के बच्चे उनके मलबे से खेल रहे हैं। पाकिस्तान ने तीन दिन में ही घुटने टेक दिए। लेकिन निर्णायक फैसले लिए गए। पीएम ने फैसला किया कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया। यह कोई साधारण बात नहीं है।