उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राष्ट्रीय एकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत तभी विकसित हो सकता है जब उसके लोग एकजुट हों। उन्होंने कहा कि अगर भारत एकजुट रहेगा तो दुनिया की कोई भी ताकत भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोक सकती। श्री अयोध्या धाम में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम-युवा) के अंतर्गत अयोध्या मण्डल के उद्यमियों को ऋण वितरण हेतु आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए योगी ने कहा कि जिसने ‘राम’ पर लिखा, वह महान हुआ।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में सूर्यवंश की परंपरा में एक अवतार के रूप में मानवीय मर्यादा और आदर्श के सर्वोत्तम स्वरूप प्रभु श्री राम हैं जिनकी पावन धरा पर आयोजित यह सम्मेलन अदभुत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘मैं अद्भुत इसलिए कहूंगा कि इतने वर्षों तक अयोध्या मौन रही, जबकि यह सत्य है कि जिसने राम पर लिखा वह महान हुआ।’’ उन्होंने कहा कि महर्षि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को प्रेरणा दी कि इस धरती पर लिखने के लिए कोई महामानव है तो वह केवल राम हैं, राम पर लिखोगे तो लेखनी धन्य हो जाएगी।
योगी ने साफ तौर पर कहा कि श्री राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ेगी तो कोई समस्या नहीं। उन्होंने कहा कि हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं। 3 पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन के लिए समर्पित रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावहारिक संस्कृति पर दुनिया का पहला महाकाव्य रामायण बना जो साहित्य का आधारभूमि है तथा आप वैदिक संस्कृति से व्यावहारिक संस्कृति में आ गये। उन्होंने कहा व्यावहारिक संस्कृति से कैसे अपनी लेखनी को धन्य करना है, यह सीखना है तो महर्षि वाल्मीकि के शरण में जाएं, जिन्होंने राम को आधार बनाकर महाकाव्य की रचना कर डाली, उससे पहले उस प्रकार का महाकाव्य किसी ने नहीं रचा। योगी का कहना था कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम उसकी आत्मा बने, अयोध्या उसका आधार बनी तो साहित्य की एक नयी विधा का सृजन हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम युवा) एक बेहतरीन स्कीम है। उन्होंने कहा कि आस्था भी आजीविका का माध्यम बन सकती है, ‘संस्कृति का पर्व’ भी ‘रोजगार का पर्व’ बन सकता है, संस्कृति भी समृद्धि का आधार बन सकती है। उन्होंने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां उपद्रव होते थे, आज उस प्रदेश में उपद्रव नहीं, उत्सव मनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विगत 8 वर्षों में वे सभी बैरियर हटाए गए हैं, जो उत्तर प्रदेश के विकास में बाधक थे।