कायमगंज। फर्रुखाबाद
महान सूफी संत महात्मा रामचंद्र लाला जी के गुरु पीर मुर्शिद मौलाना शाह फज़ल अहमद साहब व मौलाना शाह विलायत हुसैन साहब की गांव कुवंरपुर इमलाक स्थित मज़ार पर अक़ीदतमंदो ने चादर चढाई।
इस दौरान उन्होने फातिहा पढकर मुल्क की तरक्की और अमन चैन कायम रहने को दुआ मांगी और ध्यान में हिस्सा लिया।
सूफी संप्रदाय के महान संत महात्मा रामचंद्र लाला जी के गुरु मौलाना शाह फज़ल अहमद साहब व उनके छोटे भाई मौलाना शाह विलायत हुसैन साहब की मज़ार कुंवरपुर ईमलाक गावं के बाहर परौरी मार्ग पर बसे रामनगर गांव की सीमा पर है। यहां हर वर्ष गुडफ्राईडे के अगले दिन से ही अनुयाईयों का पहुचना शुरू हो जाता है और तीन दिन तक चलने वाले इस वार्षिक समारोह में लोग समूह में बैठकर ध्यान करते है और फैज़याब होते है।
मज़ार की देखरेख करने वाले सूफी शाह-हुसैन बताते हैं कि सूफी मौलाना शाह फज़ल अहमद साहब नक्शबंदी सिलसिला को बढे शायक़ हैं और हिन्दुस्तान मे 34वें गुरु हैं और महात्मा रामचंद्र लाला जी को तमाम विरोध के बावजूद उन्होंने नक्शबंदी सिलासिल मे बैत कर अपना शिष्य बनाया और इजाज़त खिलाफत भी अता की थी।
30 नवंबर 1907 को उनके विसाल करने के बाद उनके खलीफा व उत्तराधिकारी छोटे भाई सूफी मौलाना शाह विलायत हुसैन साहब ने इस वार्षिक समारोह उर्स की शुरुआत इस मज़ार पर की थी। और उनके विसाल के बाद सूफी अब्दुल गफ्फार हुसैन साहब व सूफी मंजूर अहमद ने इस कार्य को अंजाम दिया। 1907 से ये उर्स भंडारा निरंतर यहां चलता चला आ रहा हैं।
इस वार्षिक उर्स समारोह में महात्मा रामचंद्र लाला जी महाराज के अनुयाई भी बढी संख्या में दर्शन को पहुचते हैं। महात्मा रामचंद्र लाला जी महाराज की समाधि फर्रुखाबाद के ज़िला मुख्यालय फतेहगढ़ मे नवादिया स्थित कानपुर फर्रुखाबाद मार्ग पर हैं और इनके अनुयाई दुनिया के लगभग 160 देशों में है।
महात्मा रामचंद्र लाला जी महाराज के शिष्य रामचंद्र बाबू जी शाहजहांपुर के द्वारा श्री रामचंद्र मिशन व डा० चतुर्भुज सहाय जी के द्वारा श्री राम आश्रम सत्संग मथुरा की शुरुआत अपने गुरु के नाम पर ही की गई थीं जिनके ध्यान केंद्र आज पूरे विश्व मैं हैं। विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक संस्था श्री रामचंद्र मिशन के वर्तमान अध्यक्ष कमलेश पटेल दाजी जिनको भारत सरकार के द्वारा अभी जल्द ही पदम भूषण से भी सम्मानित किया गया है।