सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन काूनन के खिलाफ मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से रखे गए ये छह दलिलें !

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सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन काूनन को चुनौती देने वाली दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई जारी है. मुस्लिम पक्ष की तरफ से अधिकतर दलीलें वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल और वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी रख रहे हैं. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ इस विषय को सुन रही है. आइये जानें कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से अदालत में किस तरह की दलीलें रखी जा रही हैं.

कानून को चुनौती देने वाले राजनेताओं में राजद से राज्यसभा सांसद मनोज झा, लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा, जिया उर रहमना बर्क शामिल हैं. वक़्फ़ क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फ़ैसला आने तक कानून के लागू होने पर रोक लगाने की मांग याचिकाकर्ताओं ने आजी की सुनवाई में की है.

पहला – कानून के खिलाफ दलीलें रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि नए कानून के बाद अगर मैं वक्फ स्थापित करना चाहता हूं, तो मुझे यह दिखाना होगा कि मैं 5 वर्षों से इस्लाम का पालन कर रहा हूं. सवाल है कि यदि मैं मुस्लिम धर्म में पैदा हुआ हूं, तो मैं ऐसा क्यों करूंगा.

दूसरा – इसके अलावा कपिल सिब्बल ने कहा कि नए कानून की धारा 3(ए)(2) – वक्फ-अल-औलाद के गठन से महिलाओं को विरासत से वंचित नहीं किया जा सकता, इस बारे में कहने वाला राज्य कौन होता है. इस्लाम में उत्तराधिकार मृत्यु के बाद मिलता है, मगर इस कानून के जरिये सरकार उससे पहले ही हस्तक्षेप कर रही है.

तीसरा – सिब्बल ने कहा कि सरकार और वक्फ के बीच विवाद में सरकारी अधिकारी फैसला लेगा. ये कहीं से भी सही नहीं है. सिब्बल ने कहा कि आपने एक ऐसे अधिकारी की पहचान की है जो सरकार का अधिकारी है. यह अपने आप में असंवैधानिक है.नए कानून के जरिये 200 मिलियन की संपत्ति को संसदीय तरीके से हड़पने का मकसद दिखता है.

चौथा – सिब्बल ने कहा कि यह पूरी तरह से सरकारी टेकओवर है. वक्फ मेरे धर्म का अभिन्न अंग है, इसे राम जन्मभूमि फैसले में मान्यता दी गई है. अब समस्या ये है कि वे कहेंगे कि यदि वक्फ 300 साल पहले बनाया गया है तो सरकार इसका डीड मांगेगी. ये उलझाने वाला है.

पांचवा –वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने पांच साल इस्लाम प्रैक्टिस करने वाले प्रावधान पर सख्त ऐतराज जताया. अहमदी ने कहा कि अगर वक्फ एक जरुरी धार्मिक चीज है तो फिर नए प्रावधान से बहुत से लोगों का मौलिक अधिकार पांच बरस के लिए बर्खास्त हो जाएगा. क्या मुझसे ये कहा जाएगा कि क्योंकि आप पांच वक्त का नमाज दिन में नहीं करते, इस वजह से आप मुसलमान नहीं. विरष्ठ वकील पीए विल्सन को भी पांच साल वाले प्रावदान पर आपत्ति थी.

छठा – एक वकील अदालत में ऐसा भी थे जिन्होंने अपनी कश्मीरी पंडित पहचान का हवाला देते हुए वक्फ कानून का बचाव किया. उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर से आता हूं. कश्मीरी पंडित हूं. हमारे यहां मंदिर है. मान लीजिए अगर बहुसंख्यक मुसलमानों ने ये कह दिया कि ये हमारी संपत्ति है तो क्या ये तर्कसंगत होगा. ऐसा ही कुछ यहां हो रहा है. जहां कलेक्टर को सारी ताकत दे दी गई है.

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