नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है. हर कोई पाकिस्तान से बदला चाहता है. सरकार भी पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयार है. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर नया मोर्चा खोलने की कोशिश शुरू कर दी है.
पाक का रूस और चीन से आग्रह
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूस और चीन से आग्रह किया है कि, वह मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय जांच समिति बनाएं जो इस हमले की सच्चाई सामने लाए. इस बीच, चीन ने भी पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक रूसी समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि चीन, रूस या पश्चिमी देश मिलकर एक इंटरनेशनल टीम बनाएं, ताकि यह जांच हो सके कि भारत सरकार जो कह रही है वह सच है या नहीं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पूरी दुनिया से इसके बारे में बात की है.
पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ
भारत की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पहलगाम हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था. हमले के तुरंत बाद इसके मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने जिम्मेदारी ली थी, लेकिन चार दिन बाद अचानक यह दावा वापस ले लिया गया. पाकिस्तान इस हमले में अपनी संलिप्तता को नकार रहा है और उल्टा भारत पर ही झूठे आरोप लगा रहा है.
चीन ने की दुश्मन पाकिस्तान की तरफदारी
इस पूरे मामले में चीन ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया है. चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ फोन पर बातचीत के दौरान वांग यी ने निष्पक्ष जांच की शीघ्र शुरुआत का समर्थन किया.
और उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष संयम बरतेंगे. एक-दूसरे की ओर बढ़ेंगे और तनाव कम करने के लिए काम करेंगे. वांग यी ने कहा कि, आतंकवाद से मुकाबला करना सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है और चीन लगातार पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का समर्थन करता है.