उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार सुबह सियासी माहौल तब गर्मा गया,जब सपा व्यापार सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सोशल मीडिया इंचार्ज मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी की खबरें आईं. बताया जाता है कि लखनऊ पुलिस ने उन्हें देर रात उठा ले गई और शांति भंग की आशंका में जेल भेज दिया तभी से सपा नेता धरना प्रदर्शन कर रहे है क्योंकि ये पहली बार नहीं जब कोई नेता किसी दूसरे नेता के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की हो जिसे देखते हुए जनता योगी जी से सवाल कर रही है कि आखिर सपा नेता मनीष ने ऐसी कौन सा जुर्म कर दिया था कि यूपी पुलिस सुबह का इंतजार नहीं कर पाई और रात को उनके घर में घुस कर उठा ले गई क्या सच में यूपी में तानाशाही और जंगलराज हो गया है सपा नेताओं का यह भी कहना है क्या यूपी पुलिस इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से भी इसे शांत करा सकती थी इतना बड़ा भी जुर्म नहीं की बिना वारंट दिए घर से उठा कर हिरासत में डाल दिया गया आपको बता दे कुछ दिन पहले ही हनुमानगढ़ के महंत राजू दास ने सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर अभद्र टिप्पणी की थी और उसे समय योगी सरकार ने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया तो फिर मनीष जगन पर ऐसा अत्याचार क्यों…
सवाल ये भी उठ रहा की क्या मनीष जगन को हिरासत में इसलिए डाल दिया गया क्योंकि वो विपक्षी दल से है ?
आपको बता दें मनीष जगन अग्रवाल सपा का सोशल मीडिया हैंडल देखते हैं और उस अकाउंट से सीएम योगी के खिलाफ बेहद भद्दी और अपमानजनक टिप्पणी की गई हैं. टिप्पणी ऐसी हैं कि उन्हें सार्वजनिक तौर पर लिखा भी नहीं जा सकता. इसी जुर्म में यूपी पुलिस जगन अग्रवाल को उठा ले गई है
तो वही दूसरी तरफ जगन अग्रवाल को पुलिस द्वारा उठा लिए जाने की खबर देर रात मिलने के बाद ही सपा नेता लामबंद होने लगे. उनका कहना था कि परिवार वालों को नहीं बताया गया कि जगन को कहां ले जाया गया है. किस आरोप में हिरासत में लिया गया है और कहां रखा गया है.
बरहाल शनिवार को सुबह करीब 10.45 बजे लखनऊ पुलिस का रिप्लाई आया। लखनऊ पुलिस की तरफ से कहा गया कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के माध्यम से समाज में लगातार नकारात्मकता, अशांति और हिंसा उत्पन्न करने की प्रबल संभावना को देखते हुए मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है। समाजवादी पार्टी की ओर से विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए सपा कार्यालय के बाहर पुलिस की सुरक्षा कड़ी करने के साथ बैरीकेडिंग की गई. कई पुलिस थानों की फोर्स सपा कार्यालय पर तैनात है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव, सपा मुंबई अध्यक्ष अबू आजमी भी सुबह 11 बजे लखनऊ कार्यालय पहुंचे. अखिलेश यादव इस मुद्दे पर प्रेस कान्फ्रेंस कर सकते हैं. अखिलेश की प्रेस कांफ्रेंस के बाद सपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन का पुलिस को अंदेशा है. समाजवादी पार्टी ने कल देर रात सोशल मीडिया में पोस्ट कर दावा किया था कि मनीष हाई बीपी के मरीज़ हैं। उनकी पत्नी गर्भवती हैं. अगर मनीष अग्रवाल के साथ कुछ अप्रिय घटित हुआ तो ज़िम्मेदारी लखनऊ पुलिस की होगी. हालांकि लखनऊ पुलिस का बाद में एक ऑफिसियल ट्वीट आया कि अग्रवाल को अभद्र बयानों को लेकर शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
कौन हैं मनीष जगन
मनीष जगन अग्रवाल सपा की व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं. वो पहले भी विवादित बयान देने के लिए बदनाम रहे हैं. अग्रवाल के खिलाफ तब उनकी पार्टी नेता ऋचा सिंह ने ही एफआईआर कराई थी. तब भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. बहरहाल देखना होगा कि अगर सपा प्रमुख जगन अग्रवाल का समर्थन करते हैं तो बीजेपी और सपा के बीच सियासी टकराव और बढ़ सकता है. यूपी विधानसभा के बजट सत्र के पहले दोनों दलों के बीच ये टकराव सदन में भी देखने को मिल सकता है. सपा महाकुंभ में भगदड़ जैसे मुद्दों को लेकर विधानसभा में योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरने का मन बना रही है. वहीं सरकार हिन्दुत्व के मुद्दे पर सपा नेताओं के अनर्गल बयानों को उभारकर उसे घेरने की भरपूर कोशिश करेगी. मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा खेमा उत्साहित है. हालांकि सपा इसमें धांधली के आरोपों को लेकर भी विधानसभा में हंगामा कर सकती
आपको बता अभी तक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कोई प्रकिया सामने नहीं आया है अब देखते है उनका इसपर क्या कहना है क्योंकि आपको बता दे इसे पहले भी
मनीष जगन ने सोशल मीडिया पर महिलाओं, भाजपा नेताओं और पत्रकारों पर अभद्र टिप्पणी को लेकर निशाने पर रहे हैं. ऋचा सिंह मामले में साल 2023 में मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था. उस दौरान मनीष को बचाने के लिए अखिलेश यादव खुद पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे.