पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार को ललकारा कहा पानी की एक बूंद नहीं दूंगा !

Share it now

हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा बांध जल बंटवारा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में दोनों राज्यों के बीच वार-पलटवार भी देखने को मिल रहा है। वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का बड़ा बयान सामने आया है। भगवंत मान ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा ने 31 मार्च तक अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है। फिर भी हम उन्हें पीने का पानी दे रहे हैं। उन्हें 20 मई की रात को पानी मिलेगा। 15 दिन तक उन्हें अपनी गलती का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

भगवंत मान ने आगे कहा कि हमने उन्हें छह पत्र लिखे थे। हर महीने मीटिंग होती थी, और हम हर महीने उन्हें लिखते थे कि इस बार उनका पानी खत्म हो जाएगा। फिर भी उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। पंजाब ने डैम सेफ्टी एक्ट को निरस्त कर दिया। BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) का आचरण तानाशाही है, इसका कड़ा विरोध किया गया है। यह पारित हो चुका है कि BBMB सफेद हाथी बन गया है, पंजाब खर्च उठाता है लेकिन पंजाब को दरकिनार करके फैसले पारित किए जाते हैं। वे 3-4 घंटे के नोटिस पर मीटिंग बुलाते हैं। लेकिन आपातकालीन मीटिंग के लिए भी एक सप्ताह का नोटिस चाहिए…वे 6-7 घंटे का नोटिस भी नहीं देते। इसलिए, BBMB का पुनर्गठन किया जाना चाहिए।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब बांध सुरक्षा अधिनियम को निरस्त कर रहा है। पंजाब अपना स्वयं का अधिनियम लाएगा, क्योंकि हम अपने बांधों की सुरक्षा करना जानते हैं। भगवंत मान सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें पड़ोसी राज्य के लिए अपने हिस्से का एक भी बूंद पानी नहीं छोड़ने का संकल्प जताया गया। पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान प्रस्ताव पेश किया और इसे सदन में चर्चा के लिए रखा गया। गोयल ने प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि भाजपा हरियाणा और केंद्र में अपनी सरकारों तथा भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के माध्यम से पंजाब के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *