महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता अमित ठाकरे ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर का जश्न मनाने के लिए भाजपा की तिरंगा यात्राओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब युद्ध खत्म नहीं हुआ है और अस्थायी युद्धविराम लागू है, तो विजय रैलियां आयोजित करना अनुचित है। हालांकि, राज्य मंत्री आशीष शेलार ने ठाकरे की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि रैलियां महज राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हैं, बल्कि भारतीय सैनिकों के साहस को श्रद्धांजलि हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में ठाकरे ने पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में हुई सैन्य कार्रवाई के बाद जीत के माहौल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर कठोर लेकिन जरूरी फैसले देश के लिए महत्वपूर्ण हैं और मैं इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं। हालांकि, ऐसे समय में चल रहे जश्न ने समाज में भावनात्मक भ्रम पैदा कर दिया है जब बहादुर सैनिकों ने अपनी जान कुर्बान की है। उन्होंने आगे कहा कि यह जीत का क्षण नहीं बल्कि युद्ध विराम का क्षण है।
ठाकरे ने पत्र में कहा, “युद्ध समाप्त नहीं हुआ है; एक अस्थायी युद्ध विराम लागू है। जब परिणाम अभी भी अनिश्चित है, तो विजय रैलियां आयोजित करना अनुचित है। नागरिकों को संयम बरतना चाहिए और इसके बजाय शहीदों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए।” जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर जवाबी हमले किए।
मनसे नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री शेलार ने कहा, “आज दुनिया भारत की तारीफ कर रही है। हम कूटनीति में भी अग्रणी हैं। इसलिए, हम दूसरों की बातों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्राएं योजना के अनुसार जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि तिरंगा यात्राएं योजना के अनुसार जारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि रैलियां महज राजनीतिक कार्यक्रम नहीं हैं, बल्कि भारतीय सैनिकों के साहस को श्रद्धांजलि हैं। शेलार ने कहा, “लोग हमारे जवानों और पीएम मोदी के पीछे मजबूती से खड़े हैं।”