सपा और कांग्रेस के रिश्तो में आई खटास, लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने कहा पार्टी यूपी चुनाव अकेले लड़ने पर करेगी विचार !

Share it now

कांग्रेस नेता और सहारनपुर के लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने आजतक से खास बातचीत में एक बात साफ कर दी कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के साथ उनके और कांग्रेस के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं. इमरान मसूद ने कहा कि वह चाहेंगे कि 2027 में अखिलेश यादव से अलग होकर कांग्रेस यूपी में चुनाव लड़े. इमरान ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस सपा से अलग होकर लड़ेगी तो बेहतर प्रदर्शन करेगी. इमरान मसूद ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि कांग्रेस और बसपा का गठबंधन 2027 में उत्तर प्रदेश में हो. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन हो इसके लिए बसपा को सोचना होगा.

इमरान मसूद ने अपनी राजनीतिक यात्रा, मौजूदा सियासी हालात और इंडिया गठबंधन को लेकर कई बड़े और बेबाक बयान दिए. उन्होंने साफ किया कि अब उनका कांग्रेस से इतर जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता और 2022 में पार्टी छोड़ना उनके जीवन की सबसे बड़ी राजनीतिक भूल थी. लोकसभा सांसद ने कहा कि अब कोई बगावत नहीं, कांग्रेस को ही खड़ा करूंगा. बागी नेता कहे जाने पर इमरान मसूद ने कहा, ‘मैं बगावत किससे करूंगा? हर व्यक्ति को अपनी पार्टी और संगठन मजबूत करने का अधिकार है. मैं कांग्रेस को खड़ा कर रहा हूं और उसे ही मजबूत करूंगा.’

कांग्रेस छोड़ना बहुत बड़ी राजनीतिक भूल थी

मसूद ने कहा कि 2022 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बड़ी गलती की थी, लेकिन वह उस समय राजनीतिक दबाव में थे. उन्होंने कहा, ‘मेरे साथियों का दबाव था, इसलिए पार्टी छोड़ी. लेकिन जल्द ही वापस लौट आया. अब कांग्रेस ही मेरी पार्टी है, और कोई विकल्प नहीं है.’ इमरान मसूद ने दावा किया कि उन्होंने पहले ही कहा था कि 2024 में कांग्रेस की सरकार नहीं बन रही, लेकिन उनके अपने साथियों ने उनकी बात नहीं मानी. उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘मेरी बात रिकॉर्ड करके लीक की गई. लेकिन समय ने मेरी बात को सही साबित किया.’

मुसलमानों ने राहुल गांधी को अपना नेता माना

राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर उन्होंने कहा, ‘देश का मुसलमान आज राहुल गांधी को अपना नेता मानता है और उन्हें ही वोट दे रहा है. राहुल गांधी जिस मजबूती से जनता के सामने खड़े होकर बात करते हैं, वैसा कोई और नेता नहीं करता.’ अखिलेश यादव के एक कार्यक्रम में भाग लेने पर इमरान मसूद ने कहा, ‘क्या मुसलमान सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल होंगे? जब रामपुर, भदोही, कानपुर में मुसलमानों पर जुल्म हुआ, तब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा. आज मुसलमानों का नाम लेने में भी संकोच किया जाता है. पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की बात होती है, लेकिन उसमें मुसलमान कहां हैं?’

कांग्रेस मजबूत है और अकेले लड़ सकती है

अपने क्षेत्र में कांग्रेस के अकेले लड़ने की संभावनाओं पर मसूद ने कहा, ‘हम मजबूत हैं और अकेले भी लड़ सकते हैं. 2027 का गठबंधन बाद की बात है, अभी त्रिस्तरीय चुनाव पर फोकस है. कांग्रेस को बैसाखी की जरूरत नहीं है.’ इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को सलाह दी कि उन्हें मुलायम सिंह यादव से सीख लेनी चाहिए, जिनका दिल बहुत बड़ा था. उन्होंने कहा कि जब उन्हें और उनके नेताओं को टिकट नहीं मिला था, तब भी उन्होंने पार्टी हित में दो नेताओं को चुनाव लड़वाया.

बसपा से गठबंधन के लिए काम कर रहा हूं

बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर उन्होंने कहा, ‘अगर उन्होंने इस बार विचार नहीं किया, तो जिस विचारधारा पर पार्टी बनी थी, वह खत्म हो जाएगी. अकेले चलना अब मुश्किल है.’ इमरान मसूद ने यह भी कहा कि दलित-मुस्लिम गठजोड़ को लेकर बसपा और कांग्रेस का गठबंधन फायदेमंद हो सकता है. यह मेरी व्यक्तिगत राय है, लेकिन मैं खुलेआम कह रहा हूं कि बसपा से गठबंधन के लिए काम कर रहा हूं.

प्रियंका गांधी ने मुझे वापसी का मौका दिया

इमरान मसूद ने कांग्रेस में अपनी वापसी का श्रेय प्रियंका गांधी को दिया. उन्होंने कहा, ‘प्रियंका गांधी मेरी नेता हैं. उन्होंने मेरे लिए काफी संघर्ष किया और मुझे दोबारा कांग्रेस में आने का मौका दिया. राहुल गांधी देश के नेता हैं, और प्रियंका गांधी भी उनकी नेतृत्व क्षमता को मानती हैं.’

कांग्रेस सत्ता में होती तो पहलगाम नहीं होता

पहलगाम हमले को लेकर इमरान मसूद ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती तो पहलगाम की घटना नहीं होती. उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा कुछ होता भी, तो जो अचानक से मौजूदा सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति के ट्वीट करने के बाद सीजफायर का ऐलान कर दिया वह ना होता. हम सीधे अंजाम तक पहुंचते.’

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *