देश में वक्फ बोर्ड कानून को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर मचा बवाल कांग्रेस समेत कई दल शामिल गर्म होगा संसद सत्र !

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संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा है. वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमलावर है. आज इस विधेयक के खिलाफ जंतर मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) का धरना प्रदर्शन भी है.

यह धरना प्रदर्शन जंतर मंतर पर सुबह 10 बजे शुरू होगा. AIMPLB के मुताबिक, इस धरने में कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी, जेएमएम, एनसीपी, सपा, AIMIM, डीएमके, अकाली दल, शिवसेना और IUML के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
होली के बाद आज से फिर बजट सत्र का दूसरा चरण चलेगा. दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हुआ है और यह 4 अप्रैल तक चलेगा. संसद की कार्यवाही आज सुबह 11 बजे से शुरू होगी. रेलवे ग्रांट सहित कई रिपोर्टों पर चर्चा होगी. सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं.

वक्फ बिल पर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ होने वाले विरोध प्रदर्शन को लेकर भी सदन में हंगामा हो सकता है. विपक्षी दल इसको लेकर सरकार पर लगातार हमलावर है. वहीं, सरकार हर हाल में इस बिल को पास कराना चाहती है. हाल ही में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि सरकार वक्फ संशोधन बिल को जल्द पारित कराना चाहती है. क्योंकि इससे मुस्लिम समुदाय के कई मुद्दे सुलझेंगे. संसद की संयुक्त समिति ने विपक्ष के भारी विरोध के बीच इस बिल पर अपनी रिपोर्ट लोकसभा में पेश की थी. इसलिए सरकार के लिए वक्फ संशोधन बिल को जल्द पारित कराना प्राथमिकता है.

जंतर-मंतर पर मुसलमानों का हल्लाबोल
आज वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कल जंतर-मंतर पर मुसलमानों विरोध प्रदर्शन है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि वक्फ संशोधन बिल अवकाफ को हड़पने की एक सोची समझी साजिश है, जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा. मिल्लत-ए-इस्लामिया वक्फ संशोधन बिल को खारिज करता है.

वक्फ संपत्ति की रक्षा के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारत की मुसलमानों से अपील की है कि वे इस बिल के विरोध में जंतर मंतर पर पहुंचे. AIMPLB ने कहा है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत के मुसलमानों को आवाज देता है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता इलियास ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि संसद की संयुक्त समिति हमारे सुझावों पर विचार करेगी लेकिन न तो हमारी राय पर विचार किया गया और न ही विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों को शामिल किया गया.

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