आखिरकार ऊंट पहाड़ के नीचे आ ही गया जी हां यूपीपीएसी छात्रों की मेहनत रंग लाई और योगी आदित्यानथ को झुकना पड़ा आपको बता दें कि ये वही लोक आयोग है जो अभी तक इस बात पर अड़ा था कि चाहे छात्र जितने भी हाथ पैर क्यों ना मार ले हम अपने फैसले नहीं बदलेगें यानि वन डे वन शिफ्ट में परिक्षा नहीं कराई जाएगी लेकिन पिछले 4 दिनों से चल रहे छात्रों के संघर्ष के सामने आखिरकार लोक आयोग ने अपने घुटने टेक ही लिए. और नो नॉर्मिलाईजेशन के लिए तैयार हो गई. हालांकि बीजेपी की सरकार के दौरान लोक आयोग के अपने फैसले बदलने के पीछे की वजह ये मानी जा रही है वो है कि बस कुछ ही दिनों के बाद यूपी में उपचुनाव होने वाले है और उपचुनाव को मद्देनजर रखते हुए बीजेपी ने अपने फैसले बदले आपको बता दें कि राजनितिज्ञों का मानना है कि बीजेपी को यूपी उपचुनाव में भारी नुकसान का खामियाजा ना चुकाना पड़े शायद इसलिए ही योगी सरकार ने अपने फैसले बदले होंगे, क्योंकि आप याद करिये कि ये वही योगी सरकार है जो यूपी पुलिस परिक्षा को सफलतापुर्वक कराने में अभी तक अटकी पड़ी है. खैर ये तो बीजेपी की पुरानी आदत है कि जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं अपने फैसले को पलट देती है. फिर चाहे वो किसान आंदोलन हो या फिर यूपी पुलिस परिक्षा भर्ती या फिर 69000 शिक्षक परिक्षा भर्ती. हालांकि बीजेपी इस बात को कभी भी मानने को तैयार नहीं होती कि वो रोजगार देने में आनाकानी करती है. जब भी रोजगार देने की बात आती है तो बीजेपी बटेंगे कटेंगे जैसी घुमावदार बातें करके अपना पल्ला झाड़ लेती है. वहीं इस बीच विपक्ष भी लगातार बीजेपी से रोजगार देने और सफल परिक्षा कराने के सवाल पुछती रहती है. बीते दिन अखिलेश यादव ने कहा था कि छात्रों की आवाज को दबाने के लिए उनपर लाठी चार्ज करवाया जा रहा है
आपको बता दें कि पहले यूपीपीएसी की परिक्षा एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में कराई जाती थी लेकिन परसेंट लाइजेशन के तहत लोक आयोग ने अलग- अलग दिन और अलग- अलग शिफ्ट में परिक्षा कराने की नई नीति अपनाई लेकिन छात्रों का कहना था कि इस नीति के तहत छात्रों को उनके मेहनत का सही रिजल्ट नहीं मिल पाता वहीं लोक आयोग का एक और तथ्य था कि एक शिफ्ट में परिक्षा कराने से पेपर लीक की गड़बड़ी भी हो सकती है जिसके लिए इस तरह के फैसले लिए गए है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिरकार योगी सरकार के राज में कोई भी परिक्षा सफलतापुर्वक क्यों नही हो पा रही. और जब योगी सरकार को अपने फैसले बदलने ही थें तो क्यों अब तक छात्रों को परेशान किया गया सिर्फ परेशान ही नहीं बल्कि भविष्य के आइएस और पीसीएस अधिकारियों पर लाठी चार्ज भी किया गया.