उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में वन्यजीव तस्करों के गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस अभियान में दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से बाघ के शरीर के अंग सहित तस्करी का सामान बरामद हुआ है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान नेपाल निवासी प्रकाश चौधरी और लखीमपुर खीरी निवासी भागीराम के रूप में हुई है
जानकारी के अनुसार, एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर दुर्लभ वन्यजीवों के अंगों की तस्करी के लिए सौदे की तैयारी में हैं. इसी इनपुट के आधार पर लखीमपुर खीरी वन विभाग की टीम के साथ मिलकर एसटीएफ ने लखनऊ में घेराबंदी कर दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से 17 बाघ के दांत, 18 बाघ के नाखून और एक बाघ का जबड़ा बरामद हुआ है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में केवल बाघ के जबड़े की कीमत लगभग 30 लाख रुपये आंकी जा रही है.
प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई है कि दोनों आरोपी एक गिरोह का हिस्सा हैं, जो वन्यजीवों की हत्या कर उनके अंगों को ऊंचे दामों पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचते हैं. यह भी खुलासा हुआ है कि बाघ के अंग लखीमपुर खीरी में ही किसी अन्य तस्कर से मोटी रकम देकर खरीदे गए थे.
एसटीएफ अब गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लेगी, जिससे तस्करी से जुड़े अन्य लोगों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भी खुलासा हो सके. वन विभाग के अनुसार, लखीमपुर खीरी क्षेत्र वन्यजीवों की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है और तस्करी के कई मामले यहां पहले भी सामने आ चुके हैं. अधिकारियों का कहना है कि आने वाले समय में तस्करी के इस नेटवर्क पर और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, स्थानीय प्रशासन भी जंगलों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर अतिरिक्त कदम उठा रहा है.