मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्नियों के सामने कोई उनका सिंदूर उजाडे़ ये हम स्वीकार नहीं कर सकते. किसी भी सभ्य समाज में ऐसा नहीं होता खासतौर पर भारत के अंदर तो यह कतई स्वीकार नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम में जो हुआ वह क्रुर, वीभत्स, कायराना कृत्य है.उन्होंने कहा कि न केवल देश ने बल्कि दुनिया के हर सभ्य समाज ने इसकी निंदा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बताती है कि आतंकवाद खात्मे की ओर है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है. धर्म पूछकर मारा गया ये देश में स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम आतंक के ताबूत पर अंतिम कील ठोकेंगे. आतंकियों को कठोर सजा देंगे . सीएम योगी ने कहा कि हम आतंकियों में वोट बैंक नहीं देखते. हम इनके विषैले फन को कुचले डालेंगे. आतंकवाद किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है.उन्होंने कहा कि ये डबल इंजन की सरकार है. यहां कोई भी इस तरह की हरकत करके बच नहीं सकता.
इससे पहले देर रात उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और मंत्री योगेश शुक्ला ने शुभम के शव को खुद कांधा देकर एंबुलेंस से घर तक पहुंचाया. लखनऊ एयरपोर्ट पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने शुभम के पिता से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि शुभम की मृत्यु का बदला भारत अवश्य लेगा. उन्होंने कहा कि आपकी वेदना हम सभी की वेदना है, शुभम आपका पुत्र ही नहीं बल्कि भारत का बेटा है, प्रदेश का बेटा है, आतंकवादियों को ऐसी मौत मिलेगी की उनकी रूह कांप जाएगी.
शुभम की शादी दो महीने पहले ही हुई थी
जैसे ही बोला हिंदू हैं वैसे ही मार दी गोली
कानपुर पहुंचने के बाद शुभम की पत्नी एशान्या पहली बार मीडिया के सामने आईं और उन्होंने रुंधे गले से बताया कि हम लोग बैठकर बातें कर रहे थे. तभी कुछ लोग बंदूक लेकर आए और शुभम से पूछा-हिंदू हो या मुसलमान. पहले तो हम कुछ समझ नहीं पाए फिर उन्होंने दोबारा पूछा, और जैसे ही शुभम ने कहा हिंदू हूं, उन्होंने गोली मार दी. पहली गोली उन्हीं ने शुभम को मारी. वहीं पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि जब बहू ने बोला कि मेरे को भी गोली मार दो तो आतंकियों ने बोला नहीं तुम जाओ तुम मोदी को बताना. संजय द्विवेदी ने कहा कि ये दो टके के आतंकवादी हमारी सरकार को खुली चुनौती देकर चले गए. इन्हें ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि सात पुश्तें याद रखें.