फिर वही नवजात बच्चों के शव, बिलखती माँएं, विलाप करते परिजन, आखिर क्यों नहीं उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बना, झांसी अग्निकांड की पुरी कहानी !

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बटेंगे तो कटेंगे के बीच शायद योगी सरकार हमेशा की तरह लापरवाही करके स्वास्थय विभाग पर ध्यान देना भूल गई इसलिए झांसी के माडिकल कॉलेज में भीषण आग लग गई जिससे 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है. अग्निकांड इतना भयानक था कि कोई इसे भुला नहीं पा रहा है. इस बीच हादसे के कई दिल दहला देने वाले वीडियो भी सामने आया है. जिसमें नवजात बच्चों के मां-बाप को बिलखते हुए देखा जा सकता है. जो मां अपने बच्चे को 9 महिने अपनी कोख में रखकर सारे दर्द सहकर अपने दिल में तमाम सपने संजोई थी आखिर उस मां के दिल पर क्या बित रही होगी जिसकी जान खस्ता हाल स्वास्थय व्यवस्था ने ले ली उस पिता पर क्या बित रही होगी जब ये दर्दनाक मंजर अपनी आंखो से देखा होगा सवाल बड़ा है और गंभीर भी, लेकिन आखिर किसकी लापरवाही से हुआ ये अग्निकांड. 10 नवजात की मौतों का जिम्मेदार कौन ?. आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल का दावा कर वाहवाही लूटने वाली सरकार अब संवेदनाओं का पिटारा क्यो खोल रही. जिम्मेदार एक्शन लेने की बात कह रहे हैं, लेकिन कितना एक्शन होगा यह तो सभी को पता है.

वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक मां-बाप बिलख रहे हैं. उनका ये रूदन कलेजा चीर दे रहा है. हम आप जानते हैं कि जब कोई बच्चा स्कूल से थोड़ा से लेट हो जाता है तो हम लोग परेशान हो जाते हैं. वीडियो में मां-बाप कह रहे हैं कि “हमाय बच्चा नहीं मिल रहा” लेकिन इन मां-बाप को कौन बताएगा कि अब तुम्हारा बच्चा कभी नहीं मिलेगा, क्योंकि वो “वर्ल्ड क्लास सुविधाओं” की भेंट चढ़ गया.

2017 कांड से भी नहीं सीखी सरकार ने
बता दें कि यूपी के गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मौत हो गई थी. इसी तरह से कल रात 15 नवंबर 2024 झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी आग में 10 नवजात बच्चे जलकर मर गए. कड़े निर्देश धरे के धरे रह गए. इन 7 वर्ष 3 माह 5 दिन में कुछ भी नहीं बदला.10 अगस्त 2017 की शाम गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के नेहरू अस्पताल में एक दर्दनाक घटना हुई थी. इस अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति अचानक खत्म हो गई. इस घटना के चलते 5 दिनों में लगभग 80 से अधिक मरीजों की मौत हो गई, जिनमें 63 बच्चे और 18 वयस्क शामिल थे. घटना के बाद सियासत शुरु हुई है. प्रशासनिक लापरवाही और व्यवस्था की कमजोरियां उजागर हुईं. फायर सिलेंडर क्यो नही किये काम…हॉस्पिटल जैसे स्थान पर फायर सिलेंडर और फायर यंत्र क्यो नही थे कैसी थी आधुनिक सुविधा. शायद इन तमाम सवालों के जवाब सरकार नहीं दे पाएगी. बता दें अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. लेकिन, इस सबके बीच जिन परिवारों ने अपने बच्चों और प्रियजनों को खोया, उनके लिए यह एक ऐसा दर्द है जिसे भुला पाना मुश्किल है.

आखिर मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

वहीं विपक्ष भी अब इस मामले पर खुब योगी आदित्यनाथ को घेर रहा है. दरअसल विपक्ष का कहना है कि जिस तरह से 7 साल पहले गोरखपुर में अग्निकांड हुआ था अब ठीक वैसे ही झांसी में भीअग्निकांड हुआ है यानि की योगी आदित्यनाथ हुंकार भरते हैं कि हमारे आने के बाद उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बन गया है. इसी मेडिकल कॉलेज को लेकर दावा किया गया था कि वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस है ये लेकिन तो ये है कि वर्ल्ड क्लास नहीं थर्ड क्लास सुविधाएं हैं झांसी का कांड बता रहा है कि इन सात सालों में उत्तर प्रदेश बिल्कुल भी नहीं बदला और ना ही उत्तर प्रदेश की घटिया स्वास्थय विभाग और ना ही योगी आदित्यनाथ गोरखपुर कांड से कोई सबब लिये.

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