यूपी में साल 2027 में इलेक्शन होने है..जिसको लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है…इस बीच बसपा सुप्रीमो के फैसले से यूपी की पॉलिटिक्स में सियासी भूचाल आ गया है… जी हां बसपा मुखिया ने संगठन में गुटबाजी और अनुशासनहीनता पर बड़ी कार्रवाई करते हुए.. पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक सिद्धार्थ और पार्टी नेता नितिन सिंह को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है….इन दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप था, जिसके चलते ये सख्त कदम उठाया गया…मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि, बीएसपी की ओर से ख़ासकर दक्षिणी राज्यों आदि के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ, पूर्व सांसद और श्री नितिन सिंह, ज़िला मेरठ को, चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी आदि की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण… पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है….
डॉ. अशोक सिद्धार्थ बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर भी हैं.. और पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं. वहीं, नितिन सिंह मेरठ के रहने वाले हैं और बसपा के दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रभारी रह चुके हैं. दोनों नेताओं को पहले चेतावनी दी गई थी, लेकिन अब बसपा चीफ ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है…बता दें कि, मायावती ने साल 2019 के बाद पार्टी की रणनीति बदलते हुए आशोक सिद्धार्थ को तीन राज्यों का प्रभारी बनाया था… अशोक के बारे में दावा किया जाता है कि,वो पार्टी में पर्दे के पीछे रहते हुए काम करते रहे हैं. सरकारी नौकरी छोड़कर बसपा में शामिल होने वाले अशोक पेशे से डॉक्टर हैं. उन्हें बसपा ने एमएलसी बनाया. फिर साल 2016 में उन्हें राज्यसभा भेजा गया था. जहां वो साल 2022 तक थे. उनकी पत्नी भी बसपा सरकार में यूपी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं….
बता दें कि, 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला…इस बार जहां बीजेपी को पहले से कम सीटें मिली तो वहीं समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर कब्जा जमाया…लेकिन मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ खेल हो गया. BSP को एक भी सीट नहीं मिली…जिससे यूपी में बीएसपी सबसे बड़ी लूजर बनकर उभरी.हालांकि, साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे 10 सीटें मिली थीं. इसके साथ ही 2019 के चुनाव में बीएसपी के खाते में 19.43% वोट शेयर गए थे. इस बार उसका वोट घटकर 9.43% पर आ गया. यानी 10.04% का नुकसान हुआ था. लेकिन 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा पूरे एक्शन मोड में दिख रही है…जिससे ऐसा लग रहा है कि, आने वाले समय में यूपी की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा…