हल्दी पूजन में गाए गए भगवान शिव के भजन
कायमगंज। फर्रूखाबाद
पूरे देश में महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां चल रही है उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज में प्राचीन शिवाला मंदिर में शिव भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन नजर आए। इस मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व से कई दिन पहले कई कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। इस पावन पर्व के आगमन से पहले लोग भक्ति के सागर में हिलोरे लेते नजर आते हैं। बुधवार को शिवाला मंदिर परिसर को गेंदा के फूलों से सजाया गया। फिर भगवान शिव का हल्दी पूजन किया गया। पूजन के दौरान बज रहे भगवान शिव के भजनों से वातावरण भक्तिमय हो गया है मंत्रोच्चारण के बीच भगवान की पूजा बड़े ही श्रद्धा भाव से की गई। भोलेनाथ की भक्ति में शिवभक्त ऐसे लीन हुए की झूमने को मजबूर हो गए।
मेंहदी श्रंगार हुआ तो भगवान शिव स्वयं उतर आए हों
कायमगंज।
गुरुवार को भगवान शिव के मेहंदी पूजन में भगवान की सभी भक्तों ने बड़ी श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की। भगवान शिव का मेहंदी से श्रंगार हुआ। सच में ऐसा लगा जैसा कि भगवान स्वयं उतर आए हो। भक्त भी शिव भक्ती में लीन हो गए। पूजा आरती के साथ भक्त महादेव के भजनों झूमे उठे।शिव मंदिर में शिवाला की शिव भक्त कमेटी टीम ने बड़े उत्साह से यह पर्व मनाना शुरू कर दिया है। कमेटी के पंडित गौरव मिश्र शोले, श्रवण कौशल, अर्पित जैन, जानू भारद्वाज, विजय गुप्ता, संजय कुमार गुप्ता, कनक कौशल, दीपक दुबे, विशाल गुप्ता, सोनू, मनोज सेठ, हिमांशु भारद्वाज, दीपक वर्मा, राजीव राठौर, छोटे चतुर्वेदी आदि भक्त मौजूद रहे।
मनोकामनाओ के लिए दूर दराज से आते है भक्त
कायमगंज।
मंदिर के महंत सरदार गिरी जी महाराज ने बताया शिवाला मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर दूरदराज क्षेत्र से लोग आते हैं और पूजा अर्चना कर अपनी मन्नत मांगते है। कहते है जो भी बाबा के दरबार में माथा टेक जाता है।उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
मंदिर का इतिहास है प्राचीन
कायमगंज।
यदि शिवाला मंदिर पर नजर डालें तो यह मंदिर बेहद प्राचीन है यहां जो भी भक्त श्रद्धा भाव से बाबा के दरबार में आता हैं। भगवान शिव ऊपर कृपा बरसाते है।
भगवान शिव का माता पार्वती के साथ हुआ था विवाह
कायमगंज।
भगवान शिव के साल में सबसे प्रमुख महाशिवरात्रि का माना जाता है। फाल्गुन कृष्ण मास की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला महाशिवरात्रि पर्व अति विशेष माना गया है। इसका कारण यह है कि हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि को भगवान शिव का माता पार्वति के साथ विवाह हुआ था।