9 दिन की नौरात्री और फिर नौरात्री के आखिरी दिन वो हुआ जिसके ना होने की तैयारी प्रदेश की शासन और प्रशासन ना जाने कितने दिनों से करते चली आती है. लेकिन अब दशहरा के दौरान हुई हिंसा के बाद तो यही लग रहा है कि प्रशासन सिर्फ दिखावे के तौर पर ही तैयारियां करती है. हालांकि सीएम योगी ने पूरे मामले पर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए है. इसके बावजुद भी लगातार योगी की जीरो टॉलरेंस की नीती पर सवाल उठाये जा रहे हैं कि आखिर कार जब पहले से ही प्रशासन को पता था कि त्योहार के समय श्रध्दालुओं की भीड़ उमड़ेगी और इस बीच हिंसा हो सकती है. तो प्रशासन क्यों लापरवाही के साथ सिर्फ अपनी ड्यूटी की खानीपुर्ती कर रही थी. वहीं प्रशासन की लापरवाही के बाद सपा नेताओं ने सीएम योगी से इस्तीफे की मांग की है. वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका वाड्रा ने भी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा मुर्ती विसर्जन की यात्रा अब्दुल हमीद के घर के सामने से निकली गई थी। इस दौरान समुदाय विशेष ने पथराव शुरु कर दिया। विरोध करने पर फायरिंग की, जिसमें 22 साल के रामगोपाल मिश्र को गोली लग गई। और रामगोपाल मिश्रा के बचाव में एक और युवक बुरी तरह से घायल हो गया. वहीं जब दोनों घायलों को मेडिकल कॉलेज भर्ती करया गया. तो उस दौरान रामगोपाल की मौत हो गई. वहीं इस घटना में 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं. बता दें कि पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद तोड़फोड़ और हिंसा पर काबू पाया गया. वहीं आज मृतक के परिजनों ने रोमगोपाल की अंत्योष्ठी करने से मना कर दिया और इसीके साथ सैकड़ों लोग लाठी डंड़ों के साथ एक बार फिर से हिंसा को भड़का दिया है. हिंसाकारियों ने कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की. बाइक के शोरूम और एक अस्पताल में आग लगा दी गई है. वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है. दवाइयों को जला दिया गया है. बता दें कि यह अब हिंसा धर्म विरोधी का रुप ले लिया है. वहीं दुसरे दिन भी हुई आगजनी के बाद एक बार फिर से यूपी पुलिस की लापरवाही साफ- साफ दिखी है.. अब सवाल ये है कि आखिरकार कब तक ऐसे ही प्रदेश में हिंदु मुस्लीम की आग सुलगती रहेगी आखिरकार कब प्रशाषन अपनी नींद से जगेगी. वहीं सवाल ये भी है कि क्या कहीं रामगोपाल यूपी में होने वाने उपचुनाव को शिकार तो वहीं ना हो गया. क्योंकि हिंदु-मुस्लीम लड़ाकर राजनीति भड़काने की भी साजिश हो सकती है.