नई दिल्ली । पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के कई बयान वायरल हो रहे हैं. लेकिन उन्होंने विधानसभा में जो बात कही, उसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए अलग राज्य का दर्जा नहीं मागेंगे. जम्मू और कश्मीर विधानसभा में एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, वह 22 अप्रैल को पहलगाम के आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के नाम पर जम्मू और कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा नहीं मांगेंगे.
इतनी सस्ती है राजनीति
उन्होंने सवाल किया कि, क्या उनकी राजनीति इतनी सस्ती है कि वह इस तरह के हमले के पीछे राज्य का दर्जा मांगेंगे. उन्होंने कहा कि वह अभी भी क्षेत्र के लिए राज्य का दर्जा मांगेंगे , लेकिन इस समय नहीं जब देश अभी भी 26 लोगों की मौत का शोक मना रहा है. अब्दुल्ला ने कहा कि, मैं इस मौके का इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करूंगा.
पहलगाम के बाद मैं किस मुंह से जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा मांग सकता हूं ? मेरी क्या इतनी सस्ती सियासत है? हमने पहले भी राज्य के दर्जे के बारे में बात की है और भविष्य में भी करेंगे, लेकिन अगर मैं केंद्र सरकार से जाकर कहूं कि 26 लोग मारे गए हैं, तो यह मेरे लिए शर्मनाक होगा. अब मुझे राज्य का दर्जा दे दो.
पीड़ित परिवारों से कैसे माफी मांगूं : उमर
भावुक अब्दुल्ला बोले- मुझे नहीं पता था कि मृतकों के परिवारों से कैसे माफी मांगूं… मेजबान होने के नाते यह मेरा कर्तव्य था कि मैं सुनिश्चित करूं कि पर्यटक सुरक्षित लौटें. मैं ऐसा नहीं कर सका. मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं हैं… मैं उन बच्चों से क्या कहूं जिन्होंने अपने पिता को खो दिया और उस पत्नी से क्या कहूं जिसने अपने पति को खो दिया, जिसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी? उन्होंने पूछा कि हमारा क्या कसूर था; हम तो बस छुट्टियों में आए थे… जिसने भी यह किया, वह कहता है कि उसने यह हमारे लिए किया, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं: क्या हमने इसे मंजूरी दी थी? क्या हमने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था? हम इस हमले के समर्थन में नहीं हैं.
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेंगे
उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद के खिलाफ लोगों के अभियान को मजबूत करेगी क्योंकि आतंक को केवल जनता के सहयोग से ही हराया जा सकता है. अब्दुल्ला ने आगाह किया कि सरकार को ऐसा कोई कदम उठाने से बचना चाहिए, जिससे जनता अलग-थलग पड़ जाए.
मुख्यमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए सदन में प्रस्ताव पर हुई चर्चा को समाप्त करते हुए कहा, “आतंकवाद या उग्रवाद तभी खत्म होगा जब लोग हमारे साथ होंगे. आतंकवाद के खिलाफ लोगों के आक्रोश को देखते हुए, अगर हम उचित कदम उठाते हैं तो यह आतंक के खात्मे की शुरुआत है.