राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत आज अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर वाराणसी में 125 कन्याओं के सामूहिक अक्षय कन्यादान कार्यक्रम में शामिल होंगे और कन्यादान करेंगे. संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने बताया कि इसमें बिना किसी भेदभाव के सनातन धर्म की सभी जातियों और वर्गों के लोग शामिल होंगे.
अक्षय तृतीया का पर्व इसलिए अधिक लोकप्रिय है, क्योंकि इस दिन किए गए कार्यों का पुण्य कभी क्षय नहीं होता. यही कारण है कि काशी में पहली बार इस पर्व पर ‘अक्षय कन्यादान महोत्सव’ का आयोजन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की अगवानी में हो रहा है. इसके तहत 125 वेदियां शहर के खोजवा इलाके में शंकुलधारा कुंड के पास तैयार की गई हैं. इस सामूहिक वैवाहिक कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें अगड़ा, पिछड़ा और दलित सभी जातियों के लोग शामिल होंगे और विवाह के दौरान सभी के पुरोहित मौजूद रहेंगे.
इसके अलावा, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी कन्यादान की रस्म निभाएंगे. उनके साथ काशी के 70 से अधिक वरिष्ठ नागरिक, जो विभिन्न क्षेत्रों से हैं, बिना किसी भेदभाव के कन्याओं का कन्यादान करेंगे.
इस पावन अवसर पर 5000 से अधिक अतिथि और आगंतुक रक्तदान और नेत्रदान के लिए संकल्प पत्र भरेंगे. इन संकल्प पत्रों में प्रतिभागी का नाम, आयु, रक्त समूह, संपर्क विवरण और नेत्रदान की स्वीकृति (यदि हो) जैसी जानकारियां दर्ज की जाएंगी. अक्षय तृतीया, जो दान और पुण्य का पर्व माना जाता है, पर लिया गया कोई भी संकल्प ‘अक्षय’ यानी स्थायी फल देने वाला होता है. इस विश्वास को साकार करते हुए आयोजक सुनिश्चित कर रहे हैं कि यह आयोजन केवल एक विवाह समारोह न रहे, बल्कि समाज को जागरूक करने वाला एक व्यापक जन-अभियान बने.
डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने बताया, संघ मोहन भागवत आज दोपहर लगभग 1:45 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचेंगे. 1:30 से 2:00 बजे के बीच वे सिगरा संघ कार्यालय पहुंचेंगे. दोपहर 2:00 से 4:00 बजे तक वे कार्यालय में विश्राम करेंगे. करीब 4:00 बजे मोहन भागवत शंकुलधारा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे और सबसे पहले समाज के लगभग 70 वरिष्ठ लोगों के साथ संवाद करेंगे, जिनमें व्यापारी, जनप्रतिनिधि, डॉक्टर, इंजीनियर और समाजसेवी शामिल होंगे. ये लोग भी मोहन भागवत के साथ विभिन्न कन्याओं का कन्यादान करेंगे.
इसके बाद मोहन भागवत बारात यानी वर यात्रा का दर्शन करेंगे. फिर वे मंच पर आएंगे और द्वार पूजन से लेकर पांव पखारने जैसी अन्य रस्में निभाएंगे. मोहन भागवत एक कन्या का कन्यादान करने के साथ-साथ अन्य सभी रस्में भी पूरी करेंगे. इसके बाद शाम 6:00 से 7:00 बजे के बीच उनका संबोधन होगा.
भागवत अपने हाथों से नवदंपतियों को उपहार सौंपेंगे, जिसमें नवविवाहिता को सिलाई मशीन, दूल्हे को साइकिल, कपड़े, कुछ आभूषण और नकद राशि शामिल होगी. यह सारा सामान एक बक्से और एक सूटकेस में होगा. मोहन भागवत 2-3 जोड़ों को यह उपहार सौंपेंगे.
वहीं, कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मोहन भागवत आयोजक डॉ. वीरेंद्र जायसवाल के आवास पर रात्रि भोजन करेंगे और फिर लौट जाएंगे.
‘अक्षय कन्यादान महोत्सव’ का आयोजन करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. वीरेंद्र जायसवाल ने बताया कि वाराणसी के खोजवा बाजार स्थित शंकुलधारा पोखरे के पास द्वारकाधीश मंदिर में अक्षय तृतीया के पर्व पर 125 कन्याओं का कन्यादान होगा.
डॉ जायसवाल ने बताया कि सामूहिक विवाह का आयोजन समाज के सामर्थ्यवान वर्ग द्वारा असमर्थ लोगों की मदद के भाव से किया गया है. इसमें 125 जोड़ों की बारात, सजावट और बारातियों की भागीदारी होगी. मोहन भागवत जी भी कन्यादान करेंगे.